मुजफ्फरनगर में जमीयत उलमा-ए-हिंद की बैठक में ईद-उल-अजहा पर धार्मिक और सामाजिक जिम्मेदारियों पर जोर

मुजफ्फरनगर में जमीयत उलमा-ए-हिंद की जिला स्तर पर एक अहम बैठक अंबा विहार स्थित मदरसा चिरागिया में आयोजित की गई, जिसमें जिले भर से जुड़े उलमा, पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए। बैठक की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष मौलाना मुकर्रम अली क़ासमी ने की, जबकि जिला महासचिव मौलाना अब्दुल खालिक क़ासमी ने इसका संचालन किया। बैठक में आगामी ईद-उल-अजहा को लेकर सामाजिक समरसता, धार्मिक हिदायतें और कुर्बानी से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। मौलाना मुकर्रम अली क़ासमी ने संगठन को और अधिक मजबूत तथा सक्रिय बनाने पर जोर देते हुए कहा कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को संगठन से जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने विशेष रूप से ईद-उल-अजहा के मौके पर प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी न करने और कुर्बानी को पर्दे में करने की अपील की। साथ ही धार्मिक दृष्टिकोण, सफाई व्यवस्था और सामाजिक जिम्मेदारी को भी प्राथमिकता देने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि कुर्बानी एक त्याग का पर्व है, जिसे पूरी गंभीरता और शरीयत के दायरे में रहकर अदा किया जाना चाहिए। बैठक में कुर्बानी के फोटो सोशल मीडिया पर साझा न करने और ऐसे कार्य न करने की भी बात कही गई जिससे किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे। बैठक में जिले के कई वरिष्ठ उलमा और मौलवियों ने हिस्सा लिया और संगठन को मजबूत बनाने के लिए सहयोग देने का संकल्प लिया।

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