चीन में HMPV वायरस बहुत तेजी से फैल रहा है. इसके बढ़ते प्रकोप को देखते हुए चीन के कई राज्यों में इमरजेंसी घोषित कर दिया गया है. इस वायरस को कोरोना से ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है. चीन के कई इलाकों में हालात बिगड़ गए हैं. एक बार फिर मास्क वाला दौर फिर लौट आया है. हजारों लोग वायरस की चपेट में हैं. बुजुर्गों और बच्चों में तेजी से संक्रमण फैल रहा है. अस्पतालों के बाहर मरीजों की कतार लगी हुई हैं. अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. चाइल्ड वॉर्ड में सबसे ज्यादा मरीज हैं.
उत्तरी चीन में वायरस तेजी से फैला है. एयरपोर्ट पर भारी भीड़ देखने को मिल रही है. कई राज्यों में लोग संक्रमित हुए हैं. वायरोलॉजी एक्सपर्ट डॉ. लिन जियाजू ने कहा कि HMPV वायरस, जो कभी हल्की सांस की बीमारी का एक सामान्य कारण था, अब चीन में गंभीर मामलों और मौतों का कारण बन रहा है. ये बढ़ोतरी संभवतः लोगों की इम्युनिटी में तेजी से गिरावट के कारण है, जो वायरस के म्यूटेशन के कारण बढ़ी है, जो इस लहर को पिछले वायरस से अलग बनाती है. यह वायरस अब चीन से दुनिया के बाकी देशों में भी फैलने लगा है.
इंग्लैंड में तेजी से फैल रहा है फ्लू
इंग्लैंड में तेजी से फ्लू फैल रहा है. अस्पताल में फ्लू मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. सभी मरीजों को सांस संबंधी बीमारी है. एक महीने में मरीजों की संख्या 4 गुना हो गई है. NHS ने फ्लू को लेकर चेतावनी जारी की है. क्रिसमस के दिन 4102 फ्लू के मरीज भर्ती हुए. 4 दिन बाद 29 दिसंबर को 5074 मरीज हो गए. अस्पतालों में मरीजों की औसतन संख्या 4469 है.
हॉन्ग कॉन्ग तक फैला HMPV वायरस
हॉन्ग कॉन्ग तक यह वायरस पहुंच गया है. हॉन्ग कॉन्ग के अस्पतालों के बाहर लंबी-लंबी कतारें देखी गई हैं. सांस संबंधी मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है. इस वायरस से बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हैं.
क्या है HMPV वायरस?
नए वायरस का नाम ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस (HMPV) है. HMPV एक RNA वायरस है यानी फ्लू की तरह फैलता है. HMPV के लक्षण भी कोरोना महामारी की तरह है. खांसी, बुखार, नाक बंद होना, गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ जैसे इसके लक्षण हैं. दो साल से छोटे बच्चे, बुजुर्ग, कमजोर इम्यूनिटी वाले सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं. अस्थमा और फेफड़ों की बीमारी वाले मरीजों में तेजी से संक्रमण फैलते हैं.
HMPV वायरस से कैसे बचें?
- हाथों को बार-बार साबुन से धोएं
- सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें
- मरीजों के संपर्क में आने से बचें
- मास्क का इस्तेमाल करें
- लक्षण दिखने पर आइसोलेट हो जाएं
- जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से संपर्क करें
HMPV वायरस के लक्षण
- कोराना जैसे लक्षण
- तेज बुखार और खांसी
- सांस लेने में परेशानी
- फेफड़ों में संक्रमण
- नाक बंद होना
- गले में घरघराहट
- संपर्क में आने से फैलता है
खतरनाक बात
- छोटे बच्चों पर ज्यादा असर
- 2 साल से कम उम्र के बच्चे ज्यादा प्रभावित
- अस्थमा, सांस की बीमारी वालों को ज्यादा खतरा
वायरस को छिपा रहा है चीन ?
- सांस संबंधी बीमारी को सामान्य बीमारी बता रहा
- सर्दियों की वजह से बीमारी में बढ़ोतरी
- विदेशियों की चीन यात्रा को बताया सुरक्षित
- सिर्फ आराम करने और लिक्विड लेने की सलाह
- कमजोर इम्युनिटी वाले बन रहे शिकार
- वायरस रोकने के लिए कोई वैक्सीन नहीं
HMPV वायरस पर कितना एक्टिव WHO?
- नए वायरस पर नजर बनाए रखने का दावा
- नए वायरस के म्यूटेशन पर निगरानी का दावा
- लोगों को मास्क लगाने की सलाह दी गई
- फिलहाल ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित नहीं
- चीन के पड़ोसी देशों में वायरस फैलने का डर
अब तक किन-किन देशों में मिला HMPV वायरस ?
- नीदरलैंड्स
- ब्रिटेन
- फिनलैंड
- ऑस्ट्रेलिया
- कनाडा
- अमेरिका
- चीन
HMPV पहले भी दे चुका है दस्तक?
कहा जा रहा है कि HMPV वायरस पिछले 6 दशकों से मौजूद है. 2001 में यह वायरस पहली बार नीदरलैंड्स में पहचान हुई थी. सांस की बीमारी वाले बच्चों के सैंपल में वायरस की पुष्टि हुई थी. HMPV पैरामाइक्सोविरीडे परिवार का वायरस है. वायरस सभी मौसम में हवा में मौजूद होता है. संक्रमित लोगों के खांसने-छींकने से फैलता है. इसके सर्दियों में ज्यादा फैलने का खतरा है.