डीडवाना जिले की लाडनूं तहसील के दुजार-निम्बी मार्ग पर किसानों और पावर ग्रिड कंपनी के बीच लंबे समय से चल रहे विवाद ने नया मोड़ ले लिया। किसान दुर्गाराम खीचड़, विरोध प्रदर्शन के दौरान पॉवर ग्रिड के हाईटेंशन टॉवर पर चढ़ गए। उनकी मांग थी कि खेतों से गुजरने वाली हाईटेंशन लाइन का प्लान बदला जाए और किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए।
किसान की आपबीती
दुर्गाराम खीचड़ ने बताया कि पिछले 7 महीने से वे उचित मुआवजे और गाइडलाइन्स के अनुपालन की मांग कर रहे थे, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि स्कीपर इंडिया लिमिटेड कंपनी मनमाने ढंग से बिजली के पोल लगा रही है। किसानों की सहमति के बिना, पुलिस बल के सहारे कार्य किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि बिजली लाइन को “जेड आकार” में मोड़कर न सिर्फ अधिक खर्च किया गया, बल्कि गाइडलाइन्स का भी उल्लंघन किया गया।
प्रशासनिक हरकत और समझाइश
घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। लाडनूं एसडीएम मिथलेश कुमार, तहसीलदार अनिरुद्ध पांडे, सीओ विक्की नागपाल, नायब तहसीलदार मोहम्मद असलम, और किसान नेता पन्नाराम भामू ने मौके पर पहुंचकर दुर्गाराम खीचड़ को समझाने की कोशिश की। 5 घंटे की लंबी बातचीत के बाद उन्हें सकुशल नीचे उतारा गया। टॉवर के नीचे सुरक्षा के लिए जाल भी लगाया गया था।
जिला प्रशासन में वार्ता
घटना के बाद लाडनूं उपखंड अधिकारी मिथिलेश कुमार और जिला कलेक्टर पुखराज सैन ने पावर ग्रिड कंपनी और किसानों के साथ बैठक की। किसान नेता भागीरथ नेतड़ ने बताया कि जिला कलेक्टर ने गाइडलाइन्स की पूरी अनुपालना करवाने और किसानों की समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया।
किसानों का आक्रोश
किसानों का कहना है कि प्रशासन और पावर ग्रिड कंपनी ने उनकी शिकायतों को बार-बार नजरअंदाज किया। दुर्गाराम खीचड़ के अनुसार, प्रशासन के निष्क्रिय रवैये के कारण उन्हें इस तरह का कदम उठाना पड़ा।
आगे की राह
प्रशासन ने किसानों की मांगों को गंभीरता से लेने और गाइडलाइन्स का सख्ती से पालन करवाने का भरोसा दिया है। हालांकि, किसानों का कहना है कि अगर समस्याओं का जल्द समाधान नहीं हुआ, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।
नोट: इस घटना ने एक बार फिर से प्रशासन और किसानों के बीच संवादहीनता की समस्या को उजागर किया है। प्रशासन को चाहिए कि किसानों की समस्याओं का समय रहते समाधान करें, ताकि ऐसी स्थितियों से बचा जा सके।

















