राखी पहलवान के अनशन का पांचवां दिन, महिला आयोग सदस्य ने की मुलाकात, एसीपी को सौंपा प्रार्थना पत्र

गाजियाबाद जिला मुख्यालय पर अपनी मांगों को लेकर अनशन पर बैठी राखी पहलवान का आंदोलन लगातार जोर पकड़ता जा रहा है। अनशन के पांचवें दिन उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य हिमानी अग्रवाल अनशन स्थल पर पहुंचीं और राखी से मुलाकात की। हिमानी ने राखी की पीड़ा सुनी और उनकी शिकायत को गंभीरता से लेते हुए उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। इस दौरान राखी ने कवि नगर के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) को एक प्रार्थना पत्र सौंपा, जिसमें ससुराल पक्ष पर कार्रवाई की मांग की गई।

राखी पहलवान का कहना है कि उनके ससुराल वालों ने बिना किसी कारण के उन्हें घर से बाहर निकाल दिया और उन पर लगातार तलाक का दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि ससुराल वाले उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं। न्याय की मांग को लेकर उन्होंने जिला मुख्यालय पर अनशन शुरू किया था, जो अब गाजियाबाद में बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है।

अनशन के पांचवें दिन विभिन्न सामाजिक संगठनों और महिला कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर राखी का समर्थन किया। प्रदर्शनकारियों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए राखी को तत्काल न्याय दिलाने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह मामला सिर्फ राखी का नहीं, बल्कि समाज में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अन्याय और उत्पीड़न की तस्वीर को सामने लाता है।

महिला आयोग की सदस्य हिमानी अग्रवाल ने राखी की शिकायतों को गंभीर बताते हुए कहा कि महिलाओं के खिलाफ किसी भी प्रकार का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि राखी की आवाज को संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा और मामले में निष्पक्ष कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। हिमानी की इस मुलाकात ने राखी के आंदोलन को नई दिशा दी है।

राखी के समर्थन में कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी प्रशासन से कठोर कार्रवाई की मांग की। सामाजिक कार्यकर्ता वंदना चौधरी ने कहा कि राखी की कहानी उन हजारों महिलाओं की कहानी है, जिन्हें घरेलू हिंसा और उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। वहीं, सिमरन रंधावा ने कहा कि यह केवल एक महिला का संघर्ष नहीं बल्कि समाज में महिलाओं की स्थिति को दर्शाने वाला आईना है। उन्होंने कहा कि जब तक सोच नहीं बदलेगी, तब तक ऐसी घटनाएं सामने आती रहेंगी।

राखी ने साफ कहा कि वह तब तक अनशन नहीं तोड़ेंगी, जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलता। उनका यह संघर्ष न केवल व्यक्तिगत न्याय के लिए है बल्कि महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों को उजागर करने वाला बड़ा आंदोलन बनता जा रहा है। इस बीच, सोशल मीडिया पर भी राखी के समर्थन में आवाज उठाई जा रही है। लोगों का मानना है कि राखी का साहस और दृढ़ संकल्प अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

गाजियाबाद में राखी पहलवान का अनशन और महिला आयोग की सक्रियता से उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही उन्हें न्याय मिलेगा। प्रशासन और सामाजिक संगठनों की पहल से यह आंदोलन महिलाओं के अधिकारों और न्याय के लिए एक सशक्त संदेश देता दिखाई दे रहा है।

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