नैनीताल । पेरिस ओलिंपिक में भारतीय हाकी टीम के स्पेन को हराकर कांस्य पदक जीतने के बाद पूरे देश में हाकी प्रेमी जश्न में डूब गए हैं। टोक्यो ओलिंपिक के बाद हाकी में पदक जीतना खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत का नतीजा तो है ही, हाकी फेडरेशन के साथ भारतीय ओलिंपिक एसोसिएशन व भारत सरकार की खेलों को आगे बढ़ाने की नीति का प्रतिफल भी है।भारतीय गोलकीपर श्रीजेश के टूर्नामेंट में प्रेरणादायी प्रदर्शन ने हाकी प्रेमियों की खुशियों को कई गुना बढ़ा दिया है। 1988 में सियोल ओलिंपिक में भारतीय टीम के गोलकीपर रहे नैनीताल निवासी राजेंद्र रावत ने भारतीय टीम के पदक जीतने के बाद दैनिक जागरण से खास बातचीत की।
उन्होंने कहा 1980 में मास्को ओलिंपिक में भारत ने स्वर्ण पदक जीता था, इस बार भारतीय टीम ने स्वर्ण पदक के लिए पिछले चार साल कड़ी मेहनत की थी, किस्मत ने साथ नहीं दिया और शार्ट मिसिंग की वजह से सेमीफाइनल में पराजित हो गए। लेकिन इसके बाद भी भारतीय टीम ने हार नहीं मानी और कांस्य पदक जीतकर साबित किया कि भारतीय हाकी का स्वर्णिम दौर लौट आया है।
जरूरी हैं एस्ट्रोटर्फ मैदान
पूर्व ओलिंपियन रावत ने कहा कि इस जीत से देश में हाकी को बढ़ावा मिलेगा और सरकारें भी हाकी को बढ़ावा देने के लिए आगे आएंगी। उन्होंने कहा ओड़िसा में पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने हाकी को बढ़ावा देने को अभूतपूर्व काम किए और विश्वकप आयोजित किया।
पंजाब व उत्तरप्रदेश भी हाकी में बेहतर कर रहे हैं। फिलहाल उत्तरप्रदेश के दो खिलाड़ी भारतीय टीम में हैं। उन्होंने कहा भले ही पंजाब में हाकी को लेकर क्रेज घटा हो लेकिन बिना पंजाब के भारतीय हाकी अधूरी है। पंजाब हाकी का गढ़ रहा है। उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों को भी हाकी को बढ़ावा देने को एस्ट्रोटर्फ मैदान बनाने चाहिए, तभी नई पीढ़ी हाकी के प्रति प्रेरित होगी।
गोलकीपर है हाकी में असल किरदार
पूर्व ओलिंपियन रावत के अनुसार हाकी टीम में गोलकीपर की भूमिका सबसे अहम है। उसे अन्य खिलाड़ियों से अधिक मेहनत व प्रैक्टिस करनी होती है। उसे शारीरिक रूप से मजबूत होने के साथ तकनीक में दक्ष व भारी उपकरणों के साथ उतरना पड़ता है। पेरिस में विपरीत मौसम के बाद जीत वाकई काबिले तारीफ है।
बोले देश ने ओलिंपिक में अब तक 12 पदक जीते हैं। हाकी राष्ट्रीय खेल है। क्रिकेट की तरह हाकी खिलाड़ियों को भी प्रोत्साहन मिलना चाहिए। पेरिस ओलिंपिक में पदक जीतने के बाद खिलाड़ियों ने साबित किया है कि भारत में हाकी का भविष्य उज्ज्वल है। खिलाड़ियों ने देश को जो खुशी दी है, यह नहीं भूलने वाला पल है।
खेल संगठनों ने दी बधाई
पेरिस ओलिंपिक में भारतीय हाकी टीम के पदक जीतने पर शहर के खेल संगठनों ने हर्ष जताते हुए बधाई दी है। जिला क्रीड़ा संघ के सचिव अनिल गढ़िया, पूर्व सचिव अजय साह, सीआरएसटी ओल्ड ब्यायज एसोसिएशन अध्यक्ष जगदीश बवाड़ी, महासचिव मनोज बिष्ट, पूर्व हाकी खिलाड़ी ललित साह व सीएल साह सहित खेल प्रेमियों ने हाकी इंडिया की जीत को हाकी के लिए शुभ संकेत करार देते हुए बधाई दी है।