पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया। 92 वर्षीय डॉ. सिंह को शाम के समय सांस लेने में दिक्कत के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद उनका निधन हो गया।
डॉ. मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। उनके नेतृत्व में, भारत ने अपने इतिहास में सबसे अधिक वृद्धि दर देखी, जो औसतन 7.7% रही और लगभग दो ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन गई थी। डॉ. सिंह के सत्ता में आने के बाद भारत दसवें स्थान से उछलकर 2014 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया था, जिससे लाखों लोगों का जीवन स्तर ऊपर उठा। उनका जन्म 26 सितंबर 1932 को पश्चिमी पंजाब के गाह (अब पाकिस्तान) में हुआ था।
उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त की थी, और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की थी। डॉ. सिंह को हमेशा उनके सरल और शांत स्वभाव के लिए याद किया जाएगा। उनके निधन से देश में शोक की लहर है, और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। उनके निधन पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट किया, “देश आपका आभारी रहेगा सर। इतिहास आपके योगदान से सदैव परिपूर्ण रहेगा।
एक महान राष्ट्र कर्मी आज जीवन के अंतिम सफर पर हम सबसे विदा हो गए हैं। उनके व्यक्तित्व, योगदान और देशसेवा के लिए शब्द कम हैं। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी का निधन बड़ी क्षति है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।” डॉ. सिंह की 2006 में दूसरी बार बाईपास सर्जरी हुई थी, जिसके बाद से वह काफी बीमार चल रहे थे। कोरोना काल में उन्हें कोविड भी हुआ था, जिसके बाद से उन्हें सांस लेने में काफी तकलीफ रहती थी। उनके निधन से देश ने एक महान अर्थशास्त्री और नेता को खो दिया है, जिनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा।