कांवड़ मेले के बाद गंदगी से पटे हरिद्वार के गंगा घाट, निकला 4636 मीट्रिक टन कूड़ा

हरिद्वार। कांवड़ मेले का शुक्रवार को विधिवत समापन तो हो गया लेकिन हरकी पैड़ी समेत संपूर्ण मेला क्षेत्र में जमा टनों गंदगी राउंड द क्लाक सफाई दावों की पोल खोल रही है। जबकि नगर निगम के पास सफाई कर्मियों की भारी फौज है।450 नियमित और 125 आउटसोर्स कर्मियों के अलावा कांवड़ मेला अवधि के लिए एक हजार अतिरिक्त सफाई कर्मी भी रखे गए। बहरहाल नगर निगम प्रशासन ने सफाई व्यवस्था को ढर्रे पर लाने को विशेष अभियान चलाने की बात कही। दावा 24 के भीतर सफाई व्यवस्था ढर्रें पर लाने का किया।

सवा चार करोड़ से अधिक कांवड़ यात्री पहुंचे

22 जुलाई से कांवड़ यात्रा विधिवत शुरू हुई। शुरुआती दिनों में कांवड़ यात्रियों की संख्या कम रही, लेकिन कांवड़ यात्रियों ने स्वच्छता का संदेश देने के बजाए जमकर गंदगी फैलायी।कांवड़ यात्रा का आधा पड़ाव पूरा होने के बाद कांवड़ यात्रियों ने खाद्य पदार्थ, प्लास्टिक की बोतल, पालीथिन, पन्नी, कपड़े, जूते-चप्पल आदि सामान कूड़ेदान में डालने के बजाए सड़क और गंगा घाटों पर ही फेंक दिया।

प्रशासनिक आंकड़ों को सही मानें तों कांवड़ मेले में सवा चार करोड़ से अधिक कांवड़ यात्री पहुंचे। रोजाना औसतन 420 एमटी कूड़ा निकला। इस हिसाब से कांवड़ मेले की समाप्ति तक 4500 एमटी से अधिक कूड़ा निकला। जिसके उठान और निस्तारण को नगर निगम क्षेत्र को सात जोन में विभाजित करते हुए सफाई निरीक्षकों की तैनाती की गयी।मेला क्षेत्र में सफाई के लिए अतिरिक्त एक हजार सफाई कर्मियों की तैनाती की गयी। दावा किया जा रहा है कि एक अगस्त तक इन सफाई कर्मियों ने 4636 एमटी कूड़े का उठान किया। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर फिर हरकी पैड़ी और मेला क्षेत्र में इतनी गंदगी क्यों पसरी।

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