सिरोही एवं अर्बुदांचल क्षेत्र में शारदीय नवरात्रि के अवसर पर गरबा व डांडिया रास का माहौल देखने को मिल रहा है। यहां गुजराती संस्कृति के रंग के साथ मारवाड़ की लोक कला का अद्भुत मिश्रण नजर आ रहा है। जगदम्बे नवयुवक मंडल के आयोजन में रामझरोखा मैदान में सांझ ढलते ही श्रद्धालु माता जगदंबा के दरबार में मत्था टेकने और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए उमड़ रहे हैं। रात्रि आरती में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं।
माता बहने पारंपरिक वेशभूषा में सजधज कर गरबा पांडाल में पहुंच रही हैं और गुजराती गीतों की मधुर धुन पर कदम थिरका रही हैं। “मेहंदी तो मांडी मारवाड़नी एनो रंग गयो गुजरात रे…” जैसे गीतों पर भक्तों का उत्साह देखते ही बनता है। नवली नौरता की सुहानी रात में युवा वर्ग अपने जोश व उत्साह के साथ गरबा नृत्य में शामिल होता नजर आ रहा है।
रामझरोखा मैदान की जगमग रोशनी, रंग-बिरंगे सजावट और ढोल-नगाड़ों की थाप ने पूरे आयोजन को आकर्षक एवं खुशनुमा बना दिया है। मंडल के संरक्षक लोकेश खंडेलवाल व सुरेश सगरवंशी समेत पूरी टीम ने व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संचालित किया। इस बार गरबा नृत्य में भाग लेने वालों के लिए मंडल ने पुरस्कारों की भी व्यवस्था की है, जिससे माता बहनों में और उत्साह देखने को मिल रहा है।
शहर का हृदय स्थल रामझरोखा मैदान श्रद्धा, आस्था और संस्कृति के संगम से गूंज रहा है, और गरबा महोत्सव ने क्षेत्रवासियों के लिए आनंद व उल्लास का वातावरण बना दिया है।

















