सुप्रीम कोर्ट ने 69000 शिक्षक भर्ती मामले में हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें उसने राज्य सरकार से कहा था कि तीन महीने के भीतर भर्ती की नई मेरिट लिस्ट जारी करे. इस मामले में अब समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा है कि भाजपा सरकार नौकरी देने वाली सरकार नहीं है. सरकार इस मामले में दोहरा खेल न खेले.अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया है. इसमें उन्होंने लिखा, भाजपा सरकार नौकरी देने वाली सरकार नहीं है. 69000 शिक्षक भर्ती मामले में उत्तर प्रदेश की सरकार दोहरा खेल न खेले. इस दोहरी सियासत से दोनों पक्ष के अभ्यर्थियों को ठगने और सामाजिक, आर्थिक व मानसिक रूप से ठेस पहुंचाने का काम भाजपा सरकार न करे.उन्होंने इसी पोस्ट में आगे कहा, उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार की भ्रष्ट-प्रक्रिया का परिणाम अभ्यर्थी क्यों भुगतें. जो काम 3 दिन में हो सकता था, उसके लिए 3 महीने का इंतजार करना और ढिलाई बरतना बताता है कि भाजपा सरकार किस तरह से नई सूची को जानबूझकर न्यायिक प्रक्रिया में उलझाना और सुप्रीम कोर्ट ले जाकर शिक्षक भर्ती को फिर से लंबे समय के लिए टालना चाह रही है. सुप्रीम कोर्ट ले जाकर भर्ती लटकाने की भाजपाई चालबाजी को अभ्यर्थी समझ रहे हैं. उत्तर प्रदेश भाजपा सरकार का ऐसा आचरण घोर निंदनीय है. भाजपा न इनकी सगी है, न उनकी.
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इस मामले को लेकर एनडीए की सहयोगी पार्टी अपना दल (ए) की मुखिया अनुप्रिया पटेल की भी प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा है कि इस मामले में हमारी पार्टी आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ खड़ी है. हमारी पार्टी का शुरू से मानना है कि भर्ती के मामले में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय हुआ है. इसकी पुष्टि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नई सूची जारी करने का आदेश दे कर की थी.