मुजफ्फरनगर। मेरठ रोड स्थित PWD गेस्ट हाउस में उस समय माहौल गरमा गया, जब राज्यमंत्री कपिलदेव अग्रवाल और जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने MDA, नगर पालिका और जल निगम के अधिकारियों को तलब कर लिया। बैठक का एजेंडा एक ही था—राम कॉलेज के बाहर परिक्रमा मार्ग पर वर्षों से चली आ रही जलभराव की समस्या और उसके स्थायी समाधान के लिए ठोस कार्य योजना तैयार करना।
पिछले काफी समय से परिक्रमा मार्ग पानी में डूबा रहा है। हालात ऐसे रहे कि स्कूल-कॉलेज जाने वाले छात्र, आसपास की पॉश कॉलोनियों के निवासी और राहगीर रोजाना कीचड़ और गंदे पानी से जूझते रहे। लगातार शिकायतों के बावजूद समस्या जस की तस बनी रही, जिससे लोगों में भारी नाराजगी थी।बैठक में जब विभागों की ओर से प्रस्तुत की गई कार्य योजनाएं सामने आईं, तो मंत्री कपिलदेव अग्रवाल का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। अधूरी और असंतोषजनक योजनाएं देखकर उन्होंने MDA के सहायक अभियंता और नगर पालिका के कनिष्ठ अभियंता को जमकर फटकार लगाई। मंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि विभागों के बीच तालमेल की भारी कमी है और इसी वजह से सरकारी धन का सही उपयोग नहीं हो पा रहा। उन्होंने सवाल उठाया कि जब समस्या सालों पुरानी है, तो अब तक ठोस और प्रभावी समाधान क्यों नहीं निकाला गया।
मंत्री की नाराजगी के दौरान अफसर सिर झुकाए खड़े नजर आए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इसी तरह लापरवाही चलती रही, तो जिम्मेदारी तय की जाएगी और कड़ी कार्रवाई से कोई नहीं बचेगा।जिलाधिकारी उमेश मिश्रा भी बैठक में खासे नाराज दिखाई दिए। उन्होंने जल निगम द्वारा प्रस्तावित नाले की योजना को नकारते हुए कहा कि यह केवल तात्कालिक समाधान है। डीएम ने स्पष्ट निर्देश दिए कि योजनाएं सिर्फ आज की जरूरत को देखकर नहीं, बल्कि भविष्य को ध्यान में रखकर बनाई जाएं। उन्होंने तीनों विभागों को संयुक्त रूप से जमीनी सर्वे करने का आदेश दिया और कहा कि आसपास की सभी कॉलोनियों की जल निकासी को ध्यान में रखते हुए एक समग्र और टिकाऊ योजना तैयार की जाए।
डीएम ने सामंजस्य की कमी पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि आपसी तालमेल न होने के कारण सरकारी धन की बर्बादी हो रही है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने नगर पालिका के ईओ और संबंधित सचिव को भी इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार ठहराया।बैठक के अंत में मंत्री और डीएम ने दो टूक शब्दों में कहा कि अब बहानेबाजी नहीं चलेगी। तय समय सीमा में नई और प्रभावी कार्य योजना तैयार कर काम शुरू किया जाए, वरना संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई तय है।बैठक के बाद अधिकारियों के चेहरे उतरे हुए नजर आए, जबकि मंत्री और डीएम के इस सख्त रुख से आम जनता में नई उम्मीद जगी है। लोगों को भरोसा है कि इस बार परिक्रमा मार्ग पर जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान निकलेगा और आने वाले दिनों में सड़क सूखी और सुरक्षित नजर आएगी।

















