मुजफ्फरनगर जनपद के बझेड़ी गांव ने एकजुटता और आपसी भाईचारे की ऐसी मिसाल पेश की है, जो समाज के लिए प्रेरणास्रोत बन गई है। गांव के हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मिलकर पंजाब बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए पांच लाख रुपए की राशि इकट्ठी की और उससे आटा, चावल, तेल, दाल, मसाले, दवाइयां, पानी की बोतलें, गद्दे, कंबल, मच्छरदानियां, चप्पल, साबुन, बाल्टियां, टब समेत अनेकों जरूरी सामग्री खरीदी। इतना ही नहीं, गांव वालों ने लाखों रुपए नकद भी साथ लेकर पंजाब बाढ़ प्रभावित इलाकों के लिए राहत सामग्री रवाना की। ग्रामीणों ने बताया कि यह सामग्री किसी एक व्यक्ति या परिवार की तरफ से नहीं बल्कि पूरे गांव की ओर से भेजी जा रही है। इस कार्य में 36 बिरादरियों ने बढ़चढ़कर योगदान दिया और बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी ने अपने–अपने स्तर से मदद की। ग्रामीण सतीश कुमार धीमान ने बताया कि छोटे–छोटे बच्चे जिन्होंने जेब खर्च के पैसे बचाए थे, उन्होंने भी राहत कोष में सहयोग दिया। सतीश ने कहा कि यह कदम हमें सिख भाइयों से मिली सीख का परिणाम है, क्योंकि दिल्ली किसान आंदोलन के दौरान उन्होंने हमें 13 महीने तक भोजन कराकर सहयोग दिया था। गांव के पूर्व प्रधान साबिर हसन ने बताया कि कुछ नौजवानों ने आपसी राय बनाकर पैसे इकट्ठा करने शुरू किए और देखते ही देखते पूरा गांव इस मुहिम में शामिल हो गया। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान एक गुलदस्ता है और हम सब मिलकर इसके फूल हैं। यह राहत सामग्री केवल मदद ही नहीं बल्कि हिंदू–मुस्लिम भाईचारे और एकता का प्रतीक है। ग्रामीणों ने यह भी आश्वासन दिया कि यदि जरूरत पड़ी तो वे आगे भी राहत सामग्री इकट्ठा कर भेजने का काम करेंगे। बझेड़ी गांव का यह कदम न सिर्फ पंजाब के बाढ़ पीड़ितों के लिए संबल है बल्कि देश को यह संदेश भी देता है कि संकट की घड़ी में इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है।
