बिना UPSC एग्जाम दिए कैसे IAS अधिकारी बने अब्दुल

अगर आपसे पूछा जाए कि आईएएस और आईपीएस अधिकारी कैसे बनते हैं तो आप जवाब देंगे कि यूपीएसी एग्जाम क्लीयर करके। आज हम आपको ऐसे शख्स के बारे में बताएंगे, जो बिना यूपीएससी परीक्षा दिए आईएएस अधिकारी बन गए। बचपन में ही सिर से पिता का साया उठ गया था। अनाथ आश्रम में रहे, डिलीवरी बॉय का काम किया। आइए जानते हैं कि कौन हैं वो आईएएस अधिकारी?

इस आईएएस अधिकारी का नाम बी अब्दुल नासर है। केरल के कन्नूर जिले में स्थित थलासेरी इलाके से अब्दुल नासर की कहानी शुरू होती है। जब उनकी उम्र महज 5 साल थी, तब उनके पिता का निधन हो गया था, जिससे उन्हें और उनके भाई-बहन को अनाथ आश्रम में रहना पड़ा। मां ने घरेलू नौकरानी के तौर पर काम शुरू कर दिया। नासर 13 साल तक केरल के अलग-अलग अनाथालयों में रहे और वहीं से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की।देखते-देखते ही दिन बीत गए और अब्दुल नासर 10 साल के हो गए। अब्दुल नासर ने परिवार की आर्थिक तंगी को देखते हुए काम शुरू कर दिया। उन्होंने सफाईकर्मी और कई होटलों में सप्लायर का काम किया। हालांकि, वह कई बार अनाथालय से भाग जाते थे, लेकिन पढ़ाई पूरी करने के लिए बाद में वापस लौट आ जाते थे। इस घोर गरीबी को पार करते हुए उसने 12वीं कक्षा पास की और फिर थालास्सेरी के सरकारी कॉलेज से ग्रेजुएशन किए। उन्होंने ट्यूशन टीचर, फोन ऑपरेटर और अखबार बांटने जैसी पार्ट-टाइम नौकरियां भी कीं।

1994 में मिली पहली सरकारी नौकरी

बी अब्दुल नासर ने साल 1994 में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की और फिर प्रतियोगी परीक्षा क्लीयर की। उन्हें केरल के स्वास्थ्य विभाग में सरकारी नौकरी मिल गई। इसके बाद वे यहीं नहीं रुके और आगे 2006 में राज्य सिविल सेवा परीक्षा पास करके डिप्टी कलेक्टर बन गए।ऐसे बने आईएएस अधिकारी अब्दुल नासर लगातार अपनी मेहनत और कार्यों से आगे बढ़ते रहे। उन्हें केरल के टॉप डिप्टी कलेक्टर के रूप में साल 2015 में मान्यता मिली और फिर दो साल बाद 2017 में उनका प्रमोशन आईएएस अधिकारी के पद पर हो गया। केरल सरकार में उनकी पहली पोस्टिंग आवास आयुक्त के रूप में हुई और वे 2019 में कोल्लम के जिला कलेक्टर बन गए। इस तरह अब्दुल नासर बिना यूपीएससी एग्जाम दिए आईएएस अधिकारी बने।

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