विपक्षी दलों के हंगामे और कागज फाड़े जाने की घटना के बीच सत्ता पक्ष ने एक ही दिन में मनरेगा का नाम बदलने वाली नई स्कीम ‘जी राम जी बिल’ को संसद के दोनों सदनों से पास करा लिया.आधी रात तक राज्यसभा में इस पर बहस हुई. एक समय ऐसा आया जब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मां कसम खाकर कुछ कहा.
हां, उन्होंने कहा कि मैं अपनी मां की कसम खाकर कहता हूं, भारत मां की कसम खा कर कहता हूं , ये कानून गरीबों के हित में नहीं है. मैंने अपनी मां को बचपन में खो दिया लेकिन ये कानून ठीक नहीं है. कानून को हाथ मत लगाइए – कानून को वापस लीजिए. सेलेक्ट कमेटी को भेजिए. हालांकि सरकार ने इसे पास करा लिया.
विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी वीबी जी-राम जी बिल पर राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ‘एक व्यक्ति, एक मंत्री, जो गरीबों के प्रति दया दिखाता है, अब MNREGA को खत्म कर रहे हैं. कोई मजबूरी है जो आप दूसरों को नहीं बता रहे हैं.’
खरगे ने कहा कि आने वाले दिनों में, एक समय आएगा जब आप इस कानून को भी वैसे ही वापस लेंगे जैसे तीन कृषि कानून वापस लिए थे. क्या आप ऐसा आंदोलन चाहते हैं जहां लोग सड़कें जाम करें, विरोध करें, गोलियां खाएं और मरें? तभी आप कानून वापस लेंगे? लोग सड़कों पर उतरेंगे, गोलियों का सामना करेंगे, लेकिन इस कानून का कभी समर्थन नहीं करेंगे. हम लड़ते रहेंगे. गरीब लोगों को जो ये सपना दिखा रहे हैं, वो कभी पूरा नहीं होगा.
खरगे ने दोहराई मोदी की लाइन
संसद में बोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने 27 फरवरी 2015 को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बहस का जवाब देते हुए पीएम मोदी की कही लाइन दोहराई. खरगे ने कहा कि मोदी जी ने कहा था कि मेरी राजनीतिक सूझबूझ कहती है कि मनरेगा बंद मत करो… MGNREGA आपकी (कांग्रेस की) नाकामियों का जीता-जागता स्मारक है. आजादी के 60 साल बाद भी लोगों को गड्ढे खोदने भेजना पड़ रहा है. इसे मैं बंद नहीं करूंगा, इसे बचाकर रखूंगा ताकि दुनिया को दिखा सकूं कि कांग्रेस ने क्या किया.खरगे ने आगे कहा कि 16 दिसंबर 2025 को लोक सभा में एक सवाल के जवाब में आपने माना है कि MGNREGA बहुत सफल योजना रही है. नीति आयोग के अध्ययन में पाया गया कि MGNREGA से जल सुरक्षा में सुधार आया, मिट्टी संरक्षण, जमीन की उत्पादकता में वृद्धि हुई, गरीबों की आजीविका सुरक्षित की गई.
रातभर विपक्षी सांसदों का धरना
हां, ‘विकसित भारत गारंटी रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ विधेयक दोनों सदनों में पास भले ही हो गया लेकिन विधेयक पारित होने के विरोध में कई विपक्षी सांसदों ने संसद के बाहर रात भर विरोध प्रदर्शन किया.

















