हमारा lifestyle और खान-पान इतना ज्यादा खराब हो गया है कि कम उम्र में ही हम सैकड़ों ऐसी बीमारियों के शिकार हो जाते हैं जो 60 साल के बाद लोगों को अपनी गिरफ्त में लेती हैं। खराब डाइट से मतलब ऐसे फूड्स से है जिनमें पोषक तत्व शामिल नहीं होते।बिगड़ते लाइफस्टाइल से मतलब है कि ना खाने का समय है, ना सोने का समय है, खाने के नाम पर सिर्फ पेट भरने के लिए जंक फूड्स और फैटी फूड्स का सेवन करते हैं और हर वक्त तनाव में रहते हैं। तनाव, खराब डाइट और बिगड़ता लाइफस्टाइल न सिर्फ बॉडी को बीमारियों का घर बनाता है बल्कि उम्र भी कम करता है। आप जानते हैं कि दुनिया के ज्यादातर देशों में लोगों का लाइफस्टाइल और खानपान बिगड़ा हुआ है लेकिन जापान एक सिंगल ऐसा देश है जहां लोगों की उम्र 120 साल तक या उससे भी ज्यादा होती है।
हम पढ़-लिखकर इतने टैलेंटेड बनते हैं, दुनिया में नाम कमाते हैं, दुनिया में अपनी सेवाएं देना चाहते हैं लेकिन जब हमारी उम्र और हमारी सेहत ही साथ नहीं देती तो हमारी जिंदगी की ये सारी अचीवमेंट फीकी पड़ जाती है। अपनी जिंदगी को मुकाम तक पहुंचाने के लिए लम्बी उम्र तक जीना बेहद जरूरी है। जापान में ज्यादातर लोग लम्बी उम्र जीते हैं। आंकड़ों के मुताबिक जापान में ज्यादातर लोगों की उम्र लम्बी होती है।
वहां 100 साल की उम्र का इंसान साइकिल चलाता है जबकि हमारे देश में लोग 100 साल से पहले ही जिंदगी को खो चुके होते हैं। जापान में 95 साल की उम्र का इंसान बागवानी करता है, 110 साल की उम्र के बुजुर्ग आपस में मिलकर हंसी के ठहाके लगाते हुए दिख जाऐंगे। ये सब करिश्मा किसी और देश में नहीं बल्कि जापान में ही देखने को मिलते हैं। अब सवाल ये उठता है कि आखिर जापान के लोग क्या खाते हैं और कैसे जीते हैं जो इतना लम्बा जीते हैं। आइए जानते हैं जापानी लोगों की लम्बी उम्र का राज़ क्या हैं।
कम खाएं और धीरे खाएं
जापान के लोग बॉडी को हेल्दी रखने के लिए और लम्बी उम्र तक जीने के लिए अपनी डाइट पर ज्यादा ध्यान देते हैं। जापान के लोग अपनी संपूर्ण भूख का सिर्फ 80 फीसदी ही खाते हैं। आर्थोपेडिक सर्जन, मुख्य वक्ता और एक कोच डॉ. पीयूष कहते हैं कि जापान में लोग धीरे-धीरे खाते हैं जिसका संबंध ब्रेन से जुड़ा है। आप जितना धीरे खाते हैं तो ब्रेन को सिग्नल जाता है कि वो आपको अब खाना खत्म करने का सिग्नल दे।
जापानियों का जो फार्मूला है वहीं हमारे वैदिक सिस्टम में भी बताया गया है। वैदिक सिस्टम के मुताबिक आप खाने को इतना चबाकर खाएं कि खाना पानी बन जाए। आप जानते हैं कि जब आप कम खाते हैं और स्लो खाते हैं तो आपकी आंतों को आराम मिलता है। कम खाने से बॉडी को ज्यादा पोषण मिलता है और आपके गट को ज्यादा मेहनत नहीं करना पड़ती और आपकी उम्र अपने आप लम्बी हो जाएगी।
जमीन पर बैठकर पूरी एकाग्रता के साथ खाना खाएं
हमारी खाने की रूटीन सबसे ज्यादा खराब है। ज्यादातर लोग टीवी या मोबाइल देखते हुए खाना खाते हैं जिसकी वजह से खाना ज्यादा खाते हैं और वो खाना पेट में कई परेशानियां पैदा करता है। जापानी लोगों के लिए खाने की जगह किसी पवित्र जगह से कम नहीं है। वो जमीन पर बैठकर पूरी एकाग्रता के साथ खाते हैं। जब हम जमीन पर बैठते हैं तो अपनी पीठ को बैलेंस करते हैं। इस बैलेंस में हमारा cerebellum जो छोटा ब्रेन है वो एक्टिव हो जाता है जिसके कारण हमारा मन शांत होने लगता है। ऐसी स्थिति में जापान के लिग डिस्ट्रैक नहीं होते बल्कि छोटी प्लैट में खाना लेते हैं और उसे धीरे-धीरे चबा-चबाकर आराम से खाते हैं। थोड़ा-थोड़ा खाने से और सचेत होकर खाने से हमारा पाचन ठीक तरीके से होता है। इस तरह खाना खाकर गैस,अपच, इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम जैसी परेशानियों से बचा जा सकता है।
जिस काम को करना चाहते हैं वहीं करें
देश और दुनिया में ज्यादातर लोग अपने करियर को लेकर संतुष्ट नहीं है वो जो काम करना चाहते हैं वो नहीं कर पाते। वो अपनी जीविका कमाने के लिए ऐसा काम करते हैं जो वो करना नहीं चाहते, ऐसे लोगों के बीच में रहते हैं जिनके बीच में वो रहना नहीं चाहते। अगर आप लम्बी उम्र तक जीना चाहते हैं तो अपने पर्पस को तलाशें। ऐसा कौन सा काम है जिसे करके आप खुश रह सकते हैं। आप जिस काम को इंजॉय करते हैं उसे अच्छे से करते हैं। अपने टेलेंट का अच्छे से इस्तेमाल करके वो इस जमीन को अपने रहने लायक बना सकते हैं। जिंदगी के इन तरीकों को अपना लें जिंदगी खुशगवार और खूबसूरत दिखेगी।
जापानी लोग वॉक को देते हैं अहमियत
लम्बी उम्र तक जीने के लिए जापानी लोग वॉक करने को बेहद अहमियत देते हैं। जापानी लोगों का मानना है कि जब तक आप चलते हैं तो आपके अंदर की शक्ति आपको एनर्जी और ऊर्जा देती है। आप जब तक चलते रहते हैं तो ये ऊर्जा आपके पूरे शरीर में मूव करती रहती है। आप जैसे ही बॉडी एक्टिविटी कम करते हैं आपका दिल ठीक से काम करना बंद कर देता है। आपकी आंत और फेफड़े ठीक से काम नहीं करते और आपकी बॉडी बीमारियों का घर बन जाती है। मूवमेंट रुकने से आपका बुढ़ापा तेजी से आता है और आप मृत्यु के तेजी से करीब जाने लगते हैं। जापानी लोगों की बॉडी एक्टिविटी उन्हें अंदर से स्ट्रांग बनाती है। उन लोगों के दांत जल्दी नहीं टूटते और बॉडी लम्बे समय तक जवान रहती है।