मुजफ्फरनगर बुढ़ाना। जमियत उलेमा-ए-हिंद बुढ़ाना की ओर से बीती रविवार की देर रात्रि लुहसाना रोड स्थित फूंस वाली मस्जिद में एसआईआर और औक़ाफ से जुड़े मुद्दों पर एक अहम बैठक का आयोजन किया गया। बैठकों में बड़ी संख्या में नौजवान शामिल हुए, जिन्हें मिल्ली मसाइल, औक़ाफ़ की ज़मीनों की सुरक्षा और समुदाय के संवैधानिक अधिकारों के बारे में जागरूक किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य नौजवानों को उनके दायित्वों से अवगत कराना, उन्हें सामाजिक रूप से सक्रिय बनाना और औक़ाफ़ से संबंधित तकनीकी प्रक्रियाओं को सीखने के लिए प्रेरित करना रहा।
इस बैठक में तहसील बुढ़ाना के जनरल सेकरेट्री मुफ़्ती आस मोहम्मद क़ासमी ने नौजवानों को संबोधित करते हुए कहा कि मौजूदा समय में क़ौम के सामने कई महत्वपूर्ण चुनौतियाँ हैं जिनमें औक़ाफ़ की ज़मीनों का सही ढंग से रिकॉर्ड कराना सबसे अहम है। उन्होंने कहा कि पढ़े-लिखे नौजवानों को आगे बढ़कर इस क्षेत्र में काम करना चाहिए ताकि क़ौम की अमानत समझी जाने वाली इन ज़मीनों की पूरी सुरक्षा की जा सके। उन्होंने बताया कि औक़ाफ़ की ज़मीनों को सरकारी दस्तावेज़ों में दर्ज कराना, उनके ब्योरे को सुरक्षित रखना और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी से बचाना इस समय की बड़ी ज़िम्मेदारी है। इसके लिए नौजवानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है और उन्हें यह काम पूरी तरह सीखने की प्रेरणा दी जा रही है।
मौलाना फ़ारूक़ ने अपने संबोधन में कहा कि औक़ाफ़ की जायदादें सिर्फ संपत्ति नहीं बल्कि अल्लाह की अमानत हैं। उनकी हिफ़ाज़त करना हमारी धार्मिक, सामाजिक और नैतिक ज़िम्मेदारी है। यदि हम इस अमानत की कद्र नहीं करेंगे और इसकी सुरक्षा में लापरवाही बरतेंगे, तो हमें अल्लाह के सामने जवाब भी देना होगा। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि जब औक़ाफ़ की जायदादों की अनदेखी होती है, तो समाज को लंबे समय तक उसके नतीजे भुगतने पड़ते हैं। ज़रूरी है कि औक़ाफ़ से जुड़ी व्यवस्थाओं को मजबूत किया जाए और इसमें नौजवानों की अहम भूमिका तय की जाए।
मौलाना बिलाल ने नौजवानों से अपील की कि वे इस मिशन को केवल औपचारिकता न समझें बल्कि इसे अपना दायित्व मानकर सीखें। उन्होंने कहा कि जो भी समय और मेहनत वे इस कार्य में लगा सकते हैं, वह ज़रूर लगाएँ, क्योंकि औक़ाफ़ की ज़मीनों की हिफ़ाज़त आने वाली पीढ़ियों के हित से भी जुड़ी है। उन्होंने भरोसा जताया कि नौजवान इस जिम्मेदारी को समझेंगे और समुदाय की बेहतरी के लिए जरूरी कदम उठाएँगे।

















