अजमेर जिले के पवित्र नगर पुष्कर में उत्तराखंड धर्मशाला के दूसरे तल का लोकार्पण उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया। इस अवसर पर उन्होंने स्थानीय नागरिकों, संत-समाज और उपस्थित श्रद्धालुओं के बीच कहा कि पुष्कर केवल एक तीर्थ नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति की अनश्वर ज्योति है, जो सदियों से हमारी आस्था, संस्कार और आध्यात्मिक चेतना का अविरल स्रोत रही है। उन्होंने कहा कि हर वह व्यक्ति, जो भारतीय संस्कृति में विश्वास रखता है, उसके लिए पुष्कर एक ऐसा आध्यात्मिक केन्द्र है जहां आने से मन, मस्तिष्क और आत्मा तीनों को शांति और प्रेरणा मिलती है।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी उल्लेख किया कि देश आज सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पुनर्जागरण के दौर से गुजर रहा है। उनके अनुसार यह संभव हुआ है राष्ट्रीय नेतृत्व के प्रयासों से, जिसने भारत की परंपराओं, धरोहरों और आस्था स्थलों को पुनः सुसज्जित और समृद्ध करने की दिशा में निर्णायक कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि आज देश में ऐसे अनेक कार्य हो रहे हैं जिनसे भारतीय संस्कृति के वैश्विक प्रभाव को और मजबूती मिल रही है तथा यह प्रयास राष्ट्र के आत्मविश्वास को नई ऊंचाइयों तक ले जा रहे हैं।
धर्मशाला के दूसरे तल के लोकार्पण को मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड और राजस्थान के बीच भावनात्मक और सांस्कृतिक सेतु का विस्तार बताया। उन्होंने कहा कि यह धर्मशाला न केवल उत्तराखंड से आने वाले यात्रियों के लिए सुविधाजनक ठिकाना सिद्ध होगी, बल्कि यह दोनों राज्यों के बीच आध्यात्मिक संबंधों को और मजबूत करेगी। उन्होंने इस परियोजना के निर्माण में जुड़े सभी सहयोगियों और स्थानीय समाज का आभार व्यक्त किया।
धामी ने कहा कि तीर्थाटन और आध्यात्मिक पर्यटन आज देश के विकास का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुके हैं। उत्तराखंड में भी धार्मिक पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है, जिसके परिणामस्वरूप चारधाम यात्रा, हेमकुंड साहिब यात्रा और अन्य प्रमुख तीर्थस्थलों पर रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि सरकार का लक्ष्य इन यात्राओं को आधुनिक, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाना है, ताकि श्रद्धालु बिना किसी कठिनाई के अपने आध्यात्मिक अनुभव को समृद्ध कर सकें।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत की संस्कृति विश्व को जोड़ने वाली संस्कृति है और पुष्कर इसका जीवंत उदाहरण है। यहाँ की पवित्र सरोवर, ब्रह्म मंदिर और घाटों में हर क्षण आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है, जो देश-विदेश से आने वाले हर यात्री को विशेष अनुभूति प्रदान करती है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भविष्य में यह धर्मशाला और अधिक विस्तारित एवं आधुनिक स्वरूप में यात्रियों की आवश्यकताओं को पूरा करेगी।
मुख्यमंत्री के संबोधन के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु और स्थानीय जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। इस लोकार्पण समारोह ने पुष्कर और उत्तराखंड के बीच आध्यात्मिक संबंधों को और सुदृढ़ करने का कार्य किया।

















