राजगढ़ में उपखंड अधिकारी की कार्यशैली के विरोध में अभिभाषण मंडल का अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार

राजगढ़ (अलवर) में उपखंड अधिकारी सीमा मीणा की कार्यशैली और रवैये को लेकर अधिवक्ताओं में गहरा असंतोष देखने को मिला। इसी को लेकर अभिभाषण मंडल राजगढ़ द्वारा अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा की अध्यक्षता में एक आवश्यक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में अधिवक्ता उपस्थित रहे। बैठक में उपखंड अधिकारी के न्यायालयीन कार्य संचालन, व्यवहार और निर्णय प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा की गई। अधिवक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में न्यायालय उपखंड अधिकारी की कार्यप्रणाली से न केवल वादकारियों को परेशानी हो रही है, बल्कि अधिवक्ताओं के पेशेवर दायित्वों के निर्वहन में भी गंभीर बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं।

बैठक के दौरान अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि उपखंड अधिकारी का रवैया सहयोगात्मक नहीं है और न्यायालयीन कार्यों में पारदर्शिता का अभाव दिखाई देता है। कई अधिवक्ताओं ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि मामलों की सुनवाई में अनावश्यक विलंब, उचित संवाद की कमी और प्रशासनिक प्रक्रियाओं में मनमानी जैसी समस्याएं लगातार सामने आ रही हैं। इन परिस्थितियों से न्याय की प्रक्रिया प्रभावित हो रही है, जिससे आम नागरिकों का भरोसा कमजोर हो सकता है।

अभिभाषण मंडल की बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि जब तक उपखंड अधिकारी सीमा मीणा की कार्यशैली और रवैये में सुधार नहीं होता, तब तक उपखंड अधिकारी कार्यालय का अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार किया जाएगा। अधिवक्ताओं ने स्पष्ट किया कि यह कदम मजबूरी में उठाया गया है, ताकि प्रशासन का ध्यान गंभीर समस्याओं की ओर आकृष्ट किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि यदि समय रहते सकारात्मक पहल नहीं की गई, तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जा सकता है।

गौरतलब है कि राजगढ़ उपखंड अधिकारी सीमा मीणा पहले भी अपने कार्य व्यवहार को लेकर चर्चा में रही हैं। स्थानीय स्तर पर यह आरोप लगाए जाते रहे हैं कि कुछ मामलों में भ्रष्ट अधिकारियों के प्रति नरमी बरती जाती है, जिससे प्रशासनिक निष्पक्षता पर सवाल खड़े होते हैं। अधिवक्ताओं का कहना है कि ऐसी स्थिति में कानून के राज की भावना कमजोर पड़ती है और न्यायालय की गरिमा प्रभावित होती है।

अभिभाषण मंडल के पदाधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य किसी व्यक्तिगत टकराव को बढ़ावा देना नहीं है, बल्कि न्यायिक और प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार सुनिश्चित करना है। उन्होंने जिला प्रशासन और उच्च अधिकारियों से मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच कर आवश्यक कदम उठाए जाएं, ताकि राजगढ़ में न्यायिक कार्य सुचारु रूप से संचालित हो सके।

इस घटनाक्रम के बाद राजगढ़ में प्रशासनिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि जिला प्रशासन और संबंधित विभाग इस विवाद को सुलझाने के लिए क्या कदम उठाते हैं और क्या अधिवक्ताओं का यह अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार जल्द समाप्त हो पाता है या नहीं।

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