इजरायल की ओर से लगातार लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर निशाना बनाया जा रहा है, जिसमें हिजबुल्लाह के सदस्यों के साथ-साथ आम नागरिकों की भी जान जा रही है।इसी बीच भारत शनिवार को लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (UNIFIL) में सेना का योगदान देने वाले देशों में शामिल हो गया।दरअसल, इजरायली सेना की कार्रवाई में लेबनान में दो संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिक घायल हो गए थे। भारत ने इससे पहले इजरायल-लेबनान सीमा पर बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर चिंता व्यक्त की थी। अब वह इजरायली सेना की कार्रवाई के खिलाफ खड़ा हो गया। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन (Permanent Mission of India) ने शांति सैनिकों की सुरक्षा सर्वोपरि बताया है।
भारत के स्थायी मिशन (Permanent Mission of India) ने शनिवार को एक्स पोस्ट में लिखा, ‘एक प्रमुख सैन्य योगदानकर्ता देश के रूप में भारत 34 यूएनआईएफआईएल सैन्य योगदानकर्ता देशों द्वारा जारी संयुक्त बयान के साथ पूरी तरह से खड़ा है। शांति सैनिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है और इसे मौजूदा यूएनएससी प्रस्तावों के अनुसार सुनिश्चित किया जाना चाहिए।’इससे पहले दक्षिणी लेबनान में संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के फंसने की खबरों और बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘हम ब्लू लाइन पर बिगड़ती सुरक्षा स्थिति से चिंतित हैं। हम स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।’
मंत्रालय ने कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र परिसर की अखंडता का सभी को सम्मान करना चाहिए और संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों की सुरक्षा और उनके जनादेश की पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए उचित उपाय किए जाने चाहिए।’ बता दें कि संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल में दर्जनों देशों के 10,000 से अधिक शांति सैनिक हैं। इसमें भारतीय सैनिकों की संख्या दूसरी सबसे बड़ी है। भारत के लगभग 900 सैनिक इसमें शामिल हैं।
इस पर सफाई देते हुए भारत में इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने शुक्रवार को कहा कि हिजबुल्लाह शांति सैनिकों को ढाल के रूप में इस्तेमाल करते हुए यूनिफिल चौकियों के करीब इजरायल पर गोलीबारी कर रहा है। इजरायल संयुक्त राष्ट्र बलों की सुरक्षा के लिए कदम उठाना जारी रखेगा और उनकी सुरक्षा के लिए सभी जिम्मेदार देशों के साथ आवश्यक कदमों का समन्वय करेगा।