मुजफ्फरनगर। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट बेंच की स्थापना की लंबे समय से चली आ रही और जायज़ जन मांग के समर्थन में ज़िले भर के वकीलों द्वारा की जा रही हड़ताल और पूर्ण बंद को जमीयत उलेमा ज़िला मुज़फ्फरनगर ने अपना समर्थन दिया है। इस संबंध में जमीयत उलेमा की ओर से सिविल व ज़िला बार एसोसिएशन मुज़फ्फरनगर को एक औपचारिक समर्थन पत्र सौंपकर वकीलों के आंदोलन के साथ एकजुटता का इज़हार किया गया। पत्र में कचहरी में घोषित पूर्ण हड़ताल और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित बंद का खुलकर समर्थन किया गया है।
जमीयत उलेमा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सचिव मौलाना मोहम्मद मूसा क़ासमी के नेतृत्व में दिए गए इस समर्थन पत्र में कहा गया है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की आबादी अत्यधिक है और यहां से बड़ी संख्या में मुकदमे हाई कोर्ट में विचाराधीन रहते हैं। वर्तमान में हाई कोर्ट प्रयागराज में स्थित होने के कारण आम जनता और वकीलों को लंबी दूरी तय करनी पड़ती है, जिससे समय, धन और संसाधनों की भारी बर्बादी होती है। इस स्थिति का सबसे अधिक असर गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों पर पड़ता है, जिनके लिए न्याय तक पहुंचना कठिन हो जाता है। ऐसे में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट बेंच की स्थापना समय की अहम आवश्यकता बन चुकी है।
समर्थन पत्र में यह भी उल्लेख किया गया कि हाई कोर्ट बेंच की स्थापना के लिए गठित संघर्ष समिति के निर्णय के अनुसार 17 दिसंबर 2025 को पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बाज़ारों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और विभिन्न संस्थानों को पूर्ण रूप से बंद रखने की अपील की गई है। जमीयत उलेमा ने इस बंद का पूर्ण समर्थन करते हुए कहा कि यह आंदोलन पूरी तरह जनहित से जुड़ा हुआ है और इसे व्यापक जन समर्थन मिलना चाहिए।
जमीयत उलेमा के पदाधिकारियों ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट बेंच की स्थापना से आम नागरिकों को समय पर और सस्ता न्याय मिलेगा, साथ ही न्यायिक व्यवस्था और अधिक सुदृढ़ व प्रभावी बनेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि जमीयत उलेमा इस जन आंदोलन में बार एसोसिएशन, वकील बिरादरी और आम जनता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है और एकजुट होकर सरकार व प्रशासन तक अपनी आवाज़ मजबूती से पहुंचाई जाएगी।
इस अवसर पर समर्थन देने वालों में प्रमुख रूप से मौलाना जमालुद्दीन क़ासमी ज़िला अध्यक्ष, मुफ्ती बनीमीन क़ासमी उपाध्यक्ष जमीयत उलेमा उत्तर प्रदेश, मौलाना मूसा क़ासमी सचिव जमीयत उलेमा पश्चिमी उत्तर प्रदेश, मौलाना सैयद साद ख़ानजहांपुरी, मुफ्ती अब्दुल क़ादिर क़ासमी उपाध्यक्ष जमीयत उलेमा ज़िला मुज़फ्फरनगर, मौलाना इमरान क़ासमी, मौलाना एहसानुल हक़ क़ासमी, मुफ्ती इक़बाल क़ासमी, मौलाना मोहम्मद अक़रम नदवी, मौलाना गुलज़ार क़ासमी, मौलाना हाशिम, मौलाना ख़ालिद, मुफ्ती मुजीब नदवी, मौलाना अब्दुल करीम, मौलाना जावेद क़ासमी, मुफ्ती बिलाल क़ासमी, हाफिज सादिक़ नगला राई सहित जमीयत उलेमा के सभी पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल रहे।
जमीयत उलेमा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सचिव मौलाना मूसा क़ासमी ने अपने बयान में कहा कि हाई कोर्ट बेंच की स्थापना पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जनता की पुरानी और जायज़ मांग है, जिससे न्याय तक पहुंच आसान होगी। वहीं ज़िला उपाध्यक्ष मुफ्ती अब्दुल क़ादिर क़ासमी ने कहा कि यह मुद्दा सीधे जनहित से जुड़ा है और इस जन संघर्ष को सफल बनाने के लिए जमीयत उलेमा हर संभव सहयोग करती रहेगी।

















