जिनपिंग बोले- भारत-चीन रिश्तों में रणनीतिक सोच जरूरी, ट्रंप पर निशाना

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रविवार को SCO समिट से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की. उन्होंने कहा कि भारत और चीन को अपने रिश्तों को एक लंबी सोच और रणनीति के साथ देखना चाहिए. जिनपिंग ने कहा कि दोनों देशों को मजबूत और स्थिर रिश्ते बनाए रखने के लिए सोच-समझकर काम करना चाहिए.उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एकतरफा नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि भारत और चीन को मिलकर दुनिया में बहुपक्षवाद यानी कई देशों के साथ काम करने की व्यवस्था को बनाए रखना चाहिए.

दोनों देशों को बहुपक्षवाद को बनाए रखें

जिनपिंग ने कहा कि भारत और चीन को मिलकर एक ऐसी दुनिया बनानी चाहिए, जहां ज्यादा देशों की बराबरी हो और सभी देशों के बीच अच्छे और लोकतांत्रिक संबंध हों. दोनों देश एशिया और पूरी दुनिया में शांति और विकास के लिए अपनी जिम्मेदारी निभाएं. हमें बहुपक्षवाद को बनाए रखना चाहिए.

यह मोदी और जिनपिंग की लगभग 10 महीने बाद पहली मुलाकात थी. अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ लगाया है. भारत-अमेरिका के रिश्तों में हाल ही में कुछ गिरावट आई है, इसलिए भारत-चीन के बीच यह बातचीत खास महत्व रखती है.

साल 2020 में जून के महीने में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद भारत और चीन के संबंधों में तनाव था. हाल के दिनों में बातचीच के लिए संबंधों को बेहतर करने की कोशिश की जा रही है.

दोनों नेताओं ने एक घंटे मीटिंग की

मोदी और जिनपिंग के बीच तियानजिन में हुई द्विपक्षीय बैठक करीब 1 घंटे तक चली. दोनों नेताओं की बैठक में PM मोदी ने सीमा पर शांति और स्थिरता, आपसी सहयोग और संबंधों की मजबूती पर जोर दिया.

उन्होंने स्वागत के लिए आभार जताया और कहा कि कजान में हुई पिछली चर्चा से रिश्तों को सकारात्मक दिशा मिली है. बैठक में बॉर्डर मैनेजमेंट पर सहमति और कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू होने का भी जिक्र हुआ.

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