किडनी फेल्योर ने ली सतीश शाह की जान

एक्टर सतीश शाह अब इस दुनिया में नहीं रहे. बीते शनिवार दोपहर करीब 1:30 बजे उनका निधन हो गया. 74 साल के के सतीश शाह ने मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में आखिरी सांस ली.सतीश शाह का जाना मनोरंजन जगत के लिए एक बड़ी क्षति है. उनके परिवार, दोस्तों और चाहने वालों के लिए यह बेहद दुखद समय है. कई कलाकारों ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दी है. बताया गया है कि सतीश शाह को हाल ही में गंभीर किडनी फेल्योर की समस्या के कारण हिंदुजा अस्पताल में एडमिट कराया गया था. ये किडनी फेल्योर आखिर क्या है, इसके कारण क्या हैं. आइए जानते हैं.

किडनी फेल्योर क्या होता है (Kidney Failure)

किडनी फेल्योर (या रीनल फेल्योर) एक गंभीर स्थिति है. इसमें गुर्दे (किडनी) अपने काम को सही तरीके से करना बंद कर देते हैं. किडनी का काम शरीर से गंदगी, जहरीले तत्व और अतिरिक्त पानी को बाहर निकालना होता है. यह ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखने, शरीर में नमक और मिनरल का संतुलन बनाए रखने और लाल रक्त कोशिकाएं (RBCs) बनाने में भी मदद करती हैं, जब किडनी सही से काम नहीं करती, तो शरीर में टॉक्सिन्स (जहरीले पदार्थ) जमा होने लगते हैं, जिससे हालत बिगड़ सकती है और इलाज न होने पर यह जानलेवा साबित हो सकता है.

किडनी फेल्योर के 2 प्रमुख कारण

1. डायबिटीज- किडनी फेल्योर कई वजहों से हो सकता है, लेकिन आमतौर पर 2 कारणों से किडनी फेल होने की समस्या होती है. पहला ये कि किडनी फेल्योर का खतरा उन लोगों के लिए ज्यादा होता है जो डायबिटीज से जूझ रहे होते हैं. लंबे समय तक ब्लड शुगर (डायबिटीज) ज्यादा रहने से किडनी की नसें खराब होने लगती हैं. धीरे-धीरे ये फिल्टर्स ठीक से काम नहीं कर पाते और शरीर से गंदगी बाहर निकालने की क्षमता कम हो जाती है.

2. हाई ब्लड प्रेशर- जिन लोगों का ब्लड प्रेशर लगातार बढ़ा हुआ रहता है तो उनके लिए भी किडनी फेल्योर का खतरा ज्यादा होता है. हाई ब्लड प्रेशर किडनी की रक्त वाहिकाओं (ब्लड वेसल्स) पर अतिरिक्त दबाव डालता है. लिहाजा वक्त के साथ ये नसें कमजोर हो जाती हैं और किडनी ठीक से खून को साफ नहीं कर पाती, इससे किडनी को गंभीर नुकसान हो सकता है. वो फेल भी हो सकती है. इसके अलावा किडनी इंफेक्शन, स्टोन या मूत्र मार्ग में रुकावट भी किडनी को नुकसान पहुंचा सकती है.

किडनी फेल्योर दो तरह का होता है (two types of kidney failure)

1. तीव्र किडनी फेल्योर (Acute Kidney Failure)- यह अचानक कुछ दिनों या हफ्तों में होता है. कई बार दवाइयों, संक्रमण या चोट की वजह से किडनी अचानक कमजोर हो जाती है. इलाज से यह ठीक भी हो सकता है.

2. दीर्घकालिक या क्रोनिक किडनी फेल्योर (Chronic Kidney Failure) – यह धीरे-धीरे कई महीनों या सालों में बढ़ता है. इसमें किडनी धीरे धीरे अपना काम करना बंद कर देती है और पूरी तरह खराब भी हो सकती है.

जब किडनी फेल्योर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, तो इसे अंतिम चरण की किडनी रोग (End Stage Kidney Disease-ESKD) कहा जाता है. इस कंडीशन में डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना जिंदा रहना मुश्किल हो जाता है.

किडनी फेल्योर के लक्षण (Symptoms of kidney failure)

  • हाथ, पैर या चेहरे पर सूजन
  • थकान और कमजोरी महसूस होना
  • पेशाब की मात्रा कम होना या रंग गहरा दिखना
  • मतली, उल्टी, भूख कम लगना
  • सांस फूलना या सीने में भारीपन
  • ध्यान केंद्रित करने में मुश्किल
  • खुजली या त्वचा का सूखापन

इस बात का ख्याल रखना बेहद जरूरी

किडनी को स्वस्थ रखने के लिए ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखना जरूरी है. इसके लिए एक्सपर्ट्स रोज पर्याप्त पानी पीने की सलाह देते हैं. बिना डॉक्टर की सलाह के दर्द निवारक दवाएं न लें. सही डाइट लें और रोज एक्सरसाइज करें. सलाह ये जाती है कि अगर आपको डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर है, तो समय-समय पर किडनी की जांच जरूर कराते रहें.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत या स्किन से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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