अलवर-दिल्ली-मुंबई सुपर एक्सप्रेसवे पर लागू हुआ “लेन ड्राइव सिस्टम”, ओवरस्पीड और गलत लेन में चलने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई

अलवर जिले में अब दिल्ली-मुंबई सुपर एक्सप्रेसवे पर वाहन चालकों को लेन और गति सीमा के नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। अलवर पुलिस प्रशासन और नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने मिलकर सड़क सुरक्षा को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है। “मिशन सेफ” अभियान के तहत हाईवे पर “लेन ड्राइव सिस्टम” लागू किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य सड़क हादसों को कम करना और ट्रैफिक अनुशासन को सुदृढ़ बनाना है। इस अभियान की शुरुआत राजगढ़ और लक्ष्मणगढ़ पुलिस थानों की सीमा से की गई है, जहां पुलिस और एनएचएआई की संयुक्त टीम ने वाहन चालकों को जागरूक करने के साथ-साथ सख्त निगरानी भी शुरू कर दी है।

अभियान के तहत हाईवे पर अलग-अलग लेनों को वाहनों की गति और श्रेणी के अनुसार निर्धारित किया गया है। भारी वाहन जैसे ट्रक, ट्रेलर और लोडिंग वाहन अब केवल पहली लेन में चल सकेंगे। इन वाहनों के लिए अधिकतम गति सीमा 80 किलोमीटर प्रति घंटा तय की गई है। दूसरी लेन में मध्यम गति वाले वाहन जैसे बस आदि को चलने की अनुमति दी गई है, जिनकी अधिकतम गति सीमा 100 किलोमीटर प्रति घंटा रखी गई है। वहीं तीसरी लेन में तेज रफ्तार वाहन जैसे कार, जीप और एसयूवी चल सकेंगी, जिनकी अधिकतम गति सीमा 120 किलोमीटर प्रति घंटा तय की गई है। चौथी लेन को पूरी तरह ओवरटेकिंग, आपातकालीन वाहनों और एम्बुलेंस के लिए आरक्षित रखा गया है ताकि दुर्घटनाओं की स्थिति में तुरंत राहत पहुंचाई जा सके।

हाईवे अथॉरिटी ने नियमों की जानकारी के लिए एक्सप्रेसवे पर प्रमुख स्थानों पर बड़े-बड़े होर्डिंग और पोस्टर लगाए हैं, जिन पर लेन ड्राइव के दिशा-निर्देश स्पष्ट रूप से लिखे गए हैं। इसके साथ ही, एनएचएआई ने ओवरस्पीडिंग और गलत लेन में चलने वाले वाहनों की निगरानी के लिए हाई-टेक कैमरे भी लगाए हैं। इन कैमरों की मदद से नियमों का उल्लंघन करने वाले चालकों की पहचान की जाएगी और उनके खिलाफ तुरंत चालान की कार्रवाई की जाएगी।

अलवर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शरणं कांबले ने बताया कि यह अभियान सड़क सुरक्षा के प्रति जनता में जागरूकता फैलाने का एक प्रयास है। एक्सप्रेसवे पर बढ़ते हादसों को देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने यह कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि सही लेन में चलने से न केवल ट्रैफिक का प्रवाह सुचारू रहेगा, बल्कि वाहन चालकों की जान भी सुरक्षित रहेगी।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि “लेन ड्राइव सिस्टम” से हाईवे पर अनुशासन स्थापित होगा और लोगों की ड्राइविंग आदतों में सुधार आएगा। प्रशासन का उद्देश्य चालान काटना नहीं, बल्कि जनता को सुरक्षित ड्राइविंग के लिए प्रेरित करना है। आने वाले दिनों में इस प्रणाली को और सख्ती से लागू किया जाएगा ताकि दिल्ली-मुंबई सुपर एक्सप्रेसवे को देश का सबसे सुरक्षित हाईवे बनाया जा सके।

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