फाल्गुन माह में विश्व प्रसिद्ध बरसाना धाम में लट्ठमार होली का भव्य आयोजन किया गया। इस दौरान नंदगांव के गोप, कृष्ण स्वरूप में सजे-धजे, रंग-गुलाल के साथ प्रियाकुंड पहुंचे। वहां समाज गायन करने के बाद वे गालियों और रसिया गाते हुए बरसाना धाम पहुंचे।

बरसाना की गोपियां पारंपरिक सोलह श्रृंगार कर तैयार हुईं और नंदगांव के गोप भक्तों के साथ होली खेलने लगीं। रंगीली गली में पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार लट्ठमार होली का शुभारंभ हुआ। गोपियों ने नृत्य करते हुए रसिया गाया और गोपों पर लाठियों की वर्षा की।
देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु इस अनोखी होली को देखने के लिए पहुंचे। चारों दिशाओं में गुलाल, अबीर और पिचकारी के रंगों से वातावरण सराबोर हो गया। “आज बिरज में होरी रे रसिया” और “बरसाने रंगीली गली फाग मचा अलबेला” जैसे पारंपरिक गीतों से माहौल भक्तिमय हो गया।
होली के इस पावन अवसर पर जयकारों से पूरा धाम गूंज उठा। श्रद्धालुओं ने लड्डुओं की बौछार कर उत्सव को और भी आनंदमय बना दिया।

















