इलाहाबाद जिला अदालत ने 32 साल पहले हुई हत्या के एक मामले में तीन सगे भाइयों को आजीवन कारावास और दस हजार रुपये कारावास की सजा सुनाई है। जुर्माना न अदा करने पर उन्हें छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।यह फैसला अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिरुद्ध कुमार तिवारी की अदालत ने फूलपुर थाना क्षेत्र के ज्वालापुर गांव में आठ अप्रैल 1992 को हुई वारदात के मामले में सुनाया है। दो पक्षों के बीच लाठी डंडों से हुई मारपीट में दोनों ही पक्षों के लोग घायल हुए थे। इलाज के दौरान दूसरे पक्ष के वादी के दो बेटे घायल हुए थे और उन्हीं के पक्ष से मौत भी हुई थी।
इस मामले में पुलिस ने रामकिशोर और उनके बेटे जिया लाल, मोहन लाल, राधे श्याम और हरिश्चंद्र के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। लगभग 32 साल चले विचारण के बाद शनिवार को अदालत ने जियालाल, मोहन लाल और हरिश्चंद्र को आजीवन कारावास और दस हजार रुपए जुर्माने की सजा सुना दी। जबकि राम किशोर और उनके बेटे राधे श्याम की ट्रायल
के दौरान मौत हो चुकी है।

















