वायनाड जिले के मेप्पाडी के पास पहाड़ी इलाकों में मंगलवार सुबह हुए भीषण भूस्खलन में अब तक 45 लोगों की मौत हो गई है और कई लोग घायल हुए हैं। सैकड़ों लोग अभी भी फंसे हुए हैं, जिन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए बचाव अभियान तेजी से चल रहा है। इलाके में भारी वर्षा के कारण चारों ओर पानी भर गया है और तबाही का मंजर साफ देखा जा सकता है।
इस आपदा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस नेता के सुरेश ने कहा, “वायनाड भूस्खलन एक बहुत ही चौंकाने वाली घटना है क्योंकि इसमें कई लोगों की मौत हुई है। पुल ढह गया है और पानी अभी भी बह रहा है। स्थिति बिगड़ गई है। भूस्खलन वाली जगह पर अकल्पनीय स्थिति है। एक गांव पूरी तरह से अलग-थलग और बह गया है।”केरल सरकार ने राहत कार्य शुरू कर दिए हैं और केंद्र सरकार, वायुसेना, और एनडीआरएफ भी मौके पर पहुंच गए हैं। बचाव अभियान युद्ध स्तर पर जारी है।
कैसे चलाया जा रहा रेस्क्यू ऑपरेशन?
इलाके में भारी बारिश के कारण बचाव कार्य बाधित हो रहा है. अधिकारियों ने बताया कि मलप्पुरम के नीलांबुर क्षेत्र में बहने वाली चालियार नदी में कई लोगों के बह जाने की आशंका है. इस बीच, मुंडक्कई में कई घर, दुकानें और वाहन मलबे में दबे हुए हैं. घटनास्थल पर जाने वाला एक पुल बह गया है, जिससे रेस्क्यू में परेशानी आ रही है. मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने आश्वासन दिया है कि अस्थायी पुल बनाने, लोगों को हेलीकॉप्टर से निकालने और आपदा स्थल पर आवश्यक व्यवस्था करने के लिए सेना की सहायता ली जाएगी.वायुसेना के 2 हेलिकॉप्टर भी भेजे गए, लेकिन बारिश की वजह से लैंडिंग में दिक्कत हो रही है. NDRF की अतिरिक्त यूनिट भी मौके पर रवाना की गई है. रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए सेना भी लगाई गई है. सेना की चार टुकड़ियां रेस्क्यू साइट पर पहुंच गई हैं, जिसमें 225 जवान शामिल हैं. सेना की टुकड़ियों में घायलों की मदद के लिए चिकित्सा कर्मी भी शामिल हैं.
वायनाड के गांवों में कितना हुआ नुकसान?
गांवों में भूस्खलन ने बड़े पैमाने पर तबाही के निशान छोड़े हैं. मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा गांवों की तस्वीर बदल गई है और अन्य हिस्सों से उनका संपर्क टूट गया है. बाढ़ के पानी में बहे वाहनों को कई स्थानों पर पेड़ों की टहनियों में फंसे और यहां-वहां डूबे हुए देखा गया है. उफनती नदियों ने अपना मार्ग बदल लिया है और वे रिहायशी इलाकों में बह रही हैं, जिससे और विनाश हो रहा है.
पहाड़ियों से लुढ़कते बड़े-बड़े पत्थर बचावकर्मियों के रास्ते में बाधा पैदा कर रहे हैं. बचाव कार्यों में जुटे लोगों को भारी बारिश के बीच शवों और घायलों को एम्बुलेंस तक ले जाते हुए देखा गया है. भूस्खलन की घटनाओं के कारण बड़े पैमाने पर पेड़ उखड़ गए हैं और बाढ़ के पानी ने हरे-भरे क्षेत्रों को नष्ट कर दिया है.
केरल की मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा, ‘हम अपने लोगों को बचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं. हमें विभिन्न अस्पतालों में शव मिले हैं. करीब 70 लोग घायल भी हैं. हमने घायलों का उचित इलाज सुनिश्चित किया है. एनडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टीमें वहां मौजूद हैं; नौसेना की एक टीम भी जल्द ही वहां पहुंचेगी. इलाके में एक पुल भी बह गया है.’
कई ट्रेनें की गईं रद्द
वलाथोल नगर और वडाकनचेरी के बीच भारी जलभराव के कारण कई ट्रेनों का रद्द कर दिया गया है. इनमें ट्रेन संख्या 16305 एर्नाकुलम-कन्नूर इंटरसिटी एक्सप्रेस को त्रिशूर में रोक दिया गया है. ट्रेन संख्या 16791 तिरुनेलवेली-पलक्कड़ पलारुवी एक्सप्रेस को अलुवा में रोका गया. ट्रेन संख्या 16302 तिरुवनंतपुरम-शोरानूर वेनाड एक्सप्रेस को चालक्कुडी में रोका गया. ट्रैक पर पानी भरा हुआ है.
पीएम मोदी और राहुल गांधी ने केरल सीएम से की बात
वायनाड में हुए भूस्खलन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल के सीएम पी. विजयन से की बात. राहत बचाव में हर संभव मदद का भरोसा दिया, पीएम ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख और घायलों को 50-50 हजार की मदद का ऐलान किया. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वायनाड हादसे पर दुख जताया है और कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मलबे में दबे लोग सुरक्षित निकाल लिए जाएंगे. उन्होंने केरल के सीएम से रेस्क्यू ऑपरेशन पर की बात की. कहा जा रहा है कि राहुल गांधी जल्द ही वायनाड का दौरा भी कर सकते हैं. हालांकि अभी तक कांग्रेस की ओर से इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.