कस्बे के चौपड़ बाजार स्थित जगन्नाथ मंदिर में आषाढ़ शुक्ल षष्ठी के पावन अवसर पर माता जानकी की मुंह दिखाई की रस्म श्रद्धा और उल्लास के साथ संपन्न हुई। इस अनोखी परंपरा के अंतर्गत महाप्रभु जगन्नाथ और माता जानकी का पाणिग्रहण संस्कार संपन्न किया जाता है, जिसमें जानू द्वारा माता को कन्यादान अर्पित किया जाता है। मंगल गीतों के साथ पूजा-अर्चना कर भक्तों ने माता और भगवान को रिझाया। आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को रथ यात्रा के पश्चात जब दोनों पुनः मंदिर लौटते हैं, तो ससुराल आगमन की परंपरा के रूप में मुंह दिखाई की रस्म होती है। इस दौरान महिलाएं माता की पूजा कर उन्हें चावल-बूरे का भोग अर्पित करती हैं। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ महंत ने पूजन कर भोग समर्पित किया और प्रसाद का वितरण किया गया। मंगल गीतों और जयघोषों से पूरा मंदिर परिसर गुंजायमान रहा। कार्यक्रम में महंत समेत सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे।
