मुजफ्फरनगर जनपद में माँ वैष्णो देवी यात्रा के दौरान हुए दुःखद हादसे से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। इस घटना में कई श्रद्धालु घायल हो गए, जिनमें अजय कुमार प्रजापति निवासी रामपुरी, शहबुद्दीनपुर गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना की जानकारी मिलते ही उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता विभाग कपिल देव अग्रवाल स्वयं संवेदनशीलता और मानवीय दृष्टिकोण का परिचय देते हुए घायल अजय प्रजापति को अपनी देखरेख में जानसठ रोड स्थित वर्धमान हॉस्पिटल लेकर पहुँचे।मंत्री ने अस्पताल पहुँचकर प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. मुकेश जैन से मुलाकात की और घायल श्रद्धालु का पूरा चिकित्सीय परामर्श कराया। मंत्री कपिल देव के आग्रह पर डॉ. मुकेश जैन ने अत्यंत सराहनीय निर्णय लेते हुए अजय प्रजापति का संपूर्ण उपचार पूर्णतः निःशुल्क करने की घोषणा की। इस मानवीय पहल ने समाज में एक प्रेरणादायी उदाहरण प्रस्तुत किया है कि किस प्रकार संकट की घड़ी में चिकित्सक और जनप्रतिनिधि मिलकर पीड़ित परिवारों को राहत पहुँचा सकते हैं।
अस्पताल पहुँचने के बाद मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने घायल श्रद्धालु के परिजनों से भी मुलाकात की। उन्होंने परिवार को ढांढस बंधाते हुए कहा कि इस कठिन समय में सरकार और भाजपा संगठन परिवार के साथ खड़ा है और हर प्रकार की मदद उपलब्ध कराई जाएगी। मंत्री ने कहा कि संकट की घड़ी में सहयोग और संवेदना ही सबसे बड़ा संबल होता है और हम सबको मिलकर पीड़ित परिवारों के साथ खड़ा होना चाहिए।घायल श्रद्धालु की देखभाल के साथ–साथ मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने इस हादसे में दिवंगत हुए श्रद्धालुओं के परिजनों की सहायता हेतु व्यक्तिगत स्तर पर 50,000 रुपये की आर्थिक सहयोग राशि प्रदान की। उनका उद्देश्य शोकाकुल परिवारों को तत्काल राहत और संबल प्रदान करना है ताकि वे इस कठिन परिस्थिति में अकेलापन महसूस न करें।मंत्री ने प्रशासनिक अधिकारियों को भी स्पष्ट निर्देश दिए कि हादसे में घायल और मृतक श्रद्धालुओं के परिजनों को हर जरूरी सुविधा और सहायता समय पर उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएँ समाज को यह संदेश देती हैं कि मानवीय संवेदनाएँ ही हमें एकजुट करती हैं और इन्हें मजबूत बनाना ही समय की आवश्यकता है।इस प्रकार, माँ वैष्णो देवी यात्रा हादसे में मंत्री कपिल देव अग्रवाल की तत्परता, संवेदनशीलता और सहयोगात्मक दृष्टिकोण ने न केवल पीड़ितों को राहत दी है, बल्कि समाज के सामने एक मिसाल भी पेश की है कि जनप्रतिनिधि का सबसे बड़ा दायित्व जनता के दुःख–दर्द में उनके साथ खड़ा होना है।