मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश में उद्योग व्यापार मंडल (रजि.) द्वारा ऑनलाइन ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स की अनियमित गतिविधियों के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नाम एक ज्ञापन नगर मजिस्ट्रेट श्री विकास कश्यप को सौंपा गया। ज्ञापन का उद्देश्य एमएसएमई, उपभोक्ता हितों और छोटे दुकानदारों की सुरक्षा के लिए ई-कॉमर्स में उचित विनियमन अधिनियम लागू करने की मांग करना था।
ज्ञापन में ई-कॉमर्स के अनैतिक व्यापारिक प्रथाओं पर प्रकाश डाला गया, जो निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा को बाधित कर रही हैं और एमएसएमई और खुदरा विक्रेताओं को गंभीर नुकसान पहुंचा रही हैं। इसमें यह भी उल्लेख किया गया कि ई-कॉमर्स कंपनियों की गतिविधियां स्थानीय व्यापार और उत्पादन के लिए हानिकारक हैं, जिससे आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना प्रभावित हो रही है।
ज्ञापन में प्रमुख मांगे निम्नलिखित थीं:
- ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर विक्रेताओं का अनिवार्य KYC लागू करना।
- थोक विक्रेता के रूप में कार्य करने पर प्रतिबंध लगाना।
- कैशबैक और ब्याज मुक्त योजनाओं पर अंकुश लगाना।
- ई-कॉमर्स डिलीवरी कर्मियों को उचित श्रम सुरक्षा और लाभ प्रदान करना।
ज्ञापन में अमेज़न और फ्लिपकार्ट जैसी बड़ी कंपनियों की व्यापारिक नीतियों पर सवाल उठाए गए, जो छोटे व्यापारियों को बाजार से बाहर कर रही हैं। यह भी कहा गया कि ये कंपनियां स्थिर कीमतों पर उत्पाद बेचकर वित्तीय घाटा दर्शा रही हैं, जो छोटे खुदरा विक्रेताओं के लिए असंभव प्रतिस्पर्धा पैदा कर रही हैं।
इस ज्ञापन को अशोक कंसल (प्रांतीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष) और अजय सिंघल (नगर अध्यक्ष) के नेतृत्व में प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर श्याम सिंह सैनी, राकेश गर्ग, दिनेश बंसल, अशोक छाबड़ा, पंकज शर्मा, अनिल तायल, अमित मित्तल, रामपाल सेन, हिमांशु कौशिक, शोभित गुप्ता, प्रमोद अग्रवाल सहित कई अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।
व्यापार मंडल ने आशा व्यक्त की कि सरकार ई-कॉमर्स पर नियंत्रण के लिए तत्काल कदम उठाएगी ताकि भारतीय खुदरा व्यापार और अर्थव्यवस्था सुरक्षित रह सके।