मुजफ्फरनगर जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने आज विकासखंड जानसठ के ग्राम जन्धेड़ी में प्रगतिशील किसान सौरभ शर्मा के यहां संरक्षित खेती के तहत की जा रही फसलों का निरीक्षण किया। सौरभ शर्मा ने जानकारी दी कि संरक्षित खेती के तहत टमाटर और शिमला मिर्च का उत्पादन किया जा रहा है। टमाटर की खेती 2 एकड़ क्षेत्र में की जा रही है, जिसमें नामधारी-4266 प्रजाति उगाई जा रही है, जो 100 टन प्रति एकड़ उत्पादन देती है। टमाटर का बाजार मूल्य औसतन 20-30 रुपये प्रति किलो मिलता है, जिससे प्रति एकड़ 12 लाख रुपये का शुद्ध लाभ प्राप्त हो रहा है।
इसके अलावा, लाल और पीली शिमला मिर्च की खेती आधे एकड़ में की जा रही है, जिसमें 8-10 टन उत्पादन होता है। शिमला मिर्च का बाजार मूल्य वर्तमान में 230 रुपये प्रति किलो है, जिससे प्रति एकड़ 9 लाख रुपये का शुद्ध लाभ हो रहा है। इन उत्पादों को दिल्ली के आजादपुर मंडी में बेचा जाता है।जिलाधिकारी ने खतौली के बुआराकलां गांव में किसान दयानंद सैनी की खीरे की उन्नत खेती का भी निरीक्षण किया। खीरे की खेती 2 एकड़ क्षेत्र में की जा रही है, जिसमें 150 कुंटल प्रति एकड़ उत्पादन होता है।
संरक्षित खेती के तहत उद्यान विभाग मुजफ्फरनगर द्वारा पाली हाउस स्थापित करने के लिए 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। इस विधि में कम कृषि निवेश, कीटनाशक और उर्वरक की आवश्यकता होती है। साथ ही, इन फसलों में कीट और रोग कम लगते हैं और उत्पाद अधिक आकर्षक व चमकदार होते हैं, जिससे उनका बाजार मूल्य अधिक रहता है।जिलाधिकारी ने उप कृषि निदेशक, जिला कृषि अधिकारी और जिला उद्यान अधिकारी को निर्देश दिया कि संरक्षित खेती करने वाले और इसमें रुचि रखने वाले किसानों के लिए शीघ्र प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाए। इस कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिक, तकनीकी विशेषज्ञ और एपीडा के प्रतिनिधियों को शामिल कर किसानों को उत्पादन से बिक्री तक की तकनीकी जानकारी प्रदान की जाएगी।