सहारनपुर। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने प्रदेश सरकार द्वारा कांवड़ यात्रा मार्ग में दुकानों पर संचालक का नाम लिखने के आदेश को धर्म की आड़ में राजनीति का नया खेल बताया है।
उन्होंने कहा कि यह निर्णय भेदभावपूर्ण है, जिससे देश विरोधी तत्वों को लाभ उठाने का मौका मिलेगा और सांप्रदायिक सौहार्द को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है। जमीयत अपनी कानूनी टीम के साथ बैठक कर इस असंवैधानिक और अवैध आदेश के कानूनी पहलुओं पर चर्चा करेगी।अरशद मदनी ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि संविधान में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि किसी भी नागरिक के साथ धर्म, रंग और जाति के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा। हर नागरिक के साथ समान व्यवहार होगा। लेकिन पिछले कुछ सालों से शासन और प्रशासन का जो रवैया सामने आया है, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
मदनी ने कहा कि लंबे समय से कांवड़ यात्रा निकलती आ रही है और यात्रा के दौरान आमतौर पर मुसलमान भी कांवड़ियों की सेवा करते हैं। ऐसा पहली बार है जब इस तरह का आदेश जारी कर एक विशेष समुदाय को अलग-थलग करने के साथ ही नागरिकों के बीच भेदभाव और नफरत फैलाने का प्रयास किया जा रहा है। इसलिए सरकार को चाहिए कि वह भेदभाव फैलाने वाला अपना यह फैसला वापस ले।