लोकपाल के पद पर नीरज कुमार शर्मा ने मुजफ्फरनगर विकास भवन में पद को ग्रहण किया।

भास्कर न्यूज़ उत्तरप्रदेश उत्तराखंड

मुज़फ्फरनगर। समाज में अपनी अलग छवि के लिए जाने जाने वाले एडवोकेट नीरज कुमार शर्मा बहुत ही विनम्र परिश्रमी स्वभाव के ईमानदार छवि के व्यक्ति हैं। साथ-साथ समाज के काम करने वाले संगठनों और सामाजिक संस्थाओं के साथ जुड़कर समाज के विभिन्न अंगों का प्रतिनिधित्व करते हुए सदैव सबके सहयोग में खड़े रहते जिम्मेदारी को पूर्ण निष्ठा ईमानदारी एवं प्रमाणिकता के साथ पूरा करते हैं एक दशक तक पत्रकारिता जीवन में भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और प्रिंट मीडिया के माध्यम से पूर्ण निष्ठा निष्पक्षता एवं कर्मठता और ईमानदारी के साथ अपना योगदान करने के साथ मीडिया फेडरेशन ऑफ इंडिया में उत्तर प्रदेश उत्तराखंड राज्य के अध्यक्ष व प्रभारी के रूप में भी उन्होंने कार्य किया साथ में पत्रकारों के प्रतिष्ठित संगठन उपज कार्य कर रहे हैं अवैतनिक रूप में समाचार पत्र स्पेशल कवरेजप्रधान सम्पादक के पद पर कार्यरत हैं।विधि के क्षेत्र में अधिवक्ता के रूप में जिला मुजफ्फरनगर में कार्य कर रहे हैं समाज सेवा के लिए अनेक सामाजिक संस्थाओं में काम करते रहे

नीरज कुमार शर्मा इससे पूर्व न्यायिक एवं विधि क्षेत्र में किशोर न्याय बोर्ड में माननीय सदस्य के रूप में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की शक्तियों को प्राप्त कर किशोरों को न्याय वह बाल संरक्षण और उनके हितों की रक्षा के लिए काम किया किशोर न्याय बोर्ड में किए गए कार्य एवं अपने व्यवहार के लिए वरिष्ठ एवम युवा अधिवक्ताओं के द्वारा आज भी उनकी प्रशंसा की जाती है नीरज कुमार शर्मा एक प्रखर राष्ट्रभक्त, उत्कृष्ट वक्ता एवं बाल्य काल से ही देश के प्रति समाज के प्रति चिंतनशील व्यक्तित्व हैं अपनी हंसमुख छवि ,मिलन सरिता अपने सरल व्यवहार के साथ-साथ सबके साथ सहयोग करने वाले नीरज कुमार शर्मा कोरोना काल में भी अपने किए गए सेवा ओर सहायता कार्यों के लिए पहचाने जाते हैं। उत्तर प्रदेश के लगभग 51 जिलों म लोकपाल के पद पर नियुक्ति की गई है जिसमें मुजफ्फरनगर जिले के लोकपाल के रूप में उनकी नियुक्ति हुई है मनरेगा लोकपाल के रूप में ये नियुक्ति लोक सेवकों की शिकायत के निस्तारण के लिए की गई है । लोकपाल को शिकायत पर प्रत्यक्ष निराकरण, अनुशासनात्मक एवं दंडात्मक कार्रवाई, दोषी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने जैसे अधिकार दिए हैं। दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई के लिए उसे अपना प्रतिवेदन राज्य के मुख्य सचिव एवं क्रियान्वयन करने वाले विभाग के सक्षम अधिकारियों को भेजने का दायित्व दिया गया। जिसमें इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन, मनरेगा लोकपालों के लिए आवश्यक संसाधन व सहयोग उपलब्ध कराने के लिए नए सिरे से दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसके साथ ही मनरेगा लोकपालों के लिए कुछ निर्देश हैं, जिसमें हर तीसरे म। केंद्र सरकार की नई व्यवस्था के अनुसार मनरेगा लोकपाल के लिए जिला मुख्यालय पर एक आफिस की व्यवस्था की जाएगी। प्रशासनिक व तकनीकी सहयोग के लिए आफिस में कार्यालय स्टाफ, कंप्यूटर ऑपरेटर, शिकायत पेटी टेलीफोन व कानूनी सहयोग आदि की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। फील्ड विजिट के लिए वाहन मिलेगा। अगर अपने वाहन का इस्तेमाल किया जाता है तो उसके टीए-डीए का भुगतान राज्य सरकार के प्रथम श्रेणी के अफसर बराबर किया जाता है। मनरेगा लोकपाल के पास कई अधिकार है। जिसमें मनरेगा लाभार्थियों से कहीं भी शिकायत प्राप्त कर सकेंगे। स्थलीय जांच आदेश दे सकते हैं। शिकायत निस्तारण के लिए विशेषज्ञ सुविधा ले सकेंगे। शिकायत निवारण के लिए विभागीय और सुधारात्मक कार्रवाई का अधिकार है। शिकायत पर 30 दिन में फैसला सुना सकेंगे। अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ शिकायत पर अभिलेख उपलब्ध नहीं कराने पर लोकपाल को छूट है कि, वह स्वविवेक से निर्णय ले सकेंगे। केंद्र के निर्देशों के अनुपालन की जिम्मेदारी जिला स्तर पर डीएम व सीडीओ की होगी।

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