दिग्गज एफएमसीजी कंपनी नेस्ले इंडिया (Nestle India) आने वाले दिनों में अपने प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ाने पर विचार कर सकती है. कॉफी, कोकोआ और खाने के तेल यानी एडिबल ऑयल के दामों में उछाल के चलते लागत बढ़ने के कारण कंपनी कीमतें बढ़ाने पर फैसला ले सकती है.
रॉयटर्स के हवाले से ये रिपोर्ट सामने आई है. नेस्ले इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर सुरेश नारायणन ने मुंबई में इंडस्ट्री कॉंफ्रैंस के दौरान रॉयटर्स से बात करते हुए कहा, जब भी कीमतें बढ़ाना जरूरी हो जाता है तो हमें इस दिशा में ठोक फैसला लेना पड़ता है. सुरेश नारायणन ने कहा, कंपनी की कोशिश होगी जितनी कम से कम कीमतें में बढ़ोतरी हो. उन्होंने कीमतें बढ़ाना इंडस्ट्री के लिए कोई राहत की बात नहीं है क्योंकि इससे वॉल्यूम ग्रोथ प्रभावित होता है.
वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही अक्टूबर-दिसंबर के दौरान कॉरपोरेट इंडिया के मुनाफे में गिरावट देखने को मिली है. इसकी बड़ी वजह एक तरफ महंगाई है तो उपभोक्ताओं की ओर से किए जाने वाले खर्च में कमी है. वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश करते हुए देश में खपत डिमांड को बढ़ावा देने के लिए पर्सनल इनकम टैक्स में बड़ी कटौती की है जिससे टैक्स का बोझ कम हो और लोग ज्यादा खर्च कर सकें जिससे खपत में तेजी आए.
पिछले वर्ष भी एफएमसीजी कंपनियों ने डिमांड और खपत की बात कही थी. तब नेस्ले इंडिया ने भी शहरों इलाकों में डिमांड में कमी के बात को स्वीकार किया था. शहरी इलाकों में रहने वाले मिडिल-क्लास (Middle-Class) ने अपने खर्चों में कटौती कर दी है. इसका सबसे ज्यादा असर दूध और चॉकलेट सेगमेंट पर देखने को मिला है. नेस्ले इंडिया के चेयरमैन और एमडी सुरेश नारायण ने तब कहा था कि, प्रीमियम चीजों की खपत में मजबूती बनी हुई है लेकिन मिडिल सेगमेंट जिसमें ज्यादातर एफएमसीजी कंपनियां मौजूद है उस सेगमेंट में डिमांड घटता जा रहा है.