मीनाक्षी चौक पर नई सड़क चंद दिनों में टूटी, घटिया निर्माण और अधिकारियों की लापरवाही पर उठे सवाल

मुजफ्फरनगर। शहर के व्यस्ततम इलाकों में शामिल मीनाक्षी चौक पर हाल ही में बनाई गई सड़क के चंद दिनों में ही टूट जाने का मामला एक बार फिर सामने आया है। नई-नवेली सड़क पर जगह-जगह दरारें पड़ने और गड्ढे बनने से आम लोगों में नाराजगी है। लोगों का कहना है कि जिस सड़क पर अभी कुछ दिन पहले ही निर्माण कार्य पूरा हुआ था, वह इतनी जल्दी कैसे क्षतिग्रस्त हो गई, यह अपने आप में बड़ा सवाल है।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि सड़क निर्माण में ठेकेदारों द्वारा घटिया किस्म के माल का इस्तेमाल किया गया है। निर्माण के समय गुणवत्ता मानकों का पालन नहीं किया गया, न ही सही मात्रा में सामग्री डाली गई। नतीजा यह हुआ कि हल्की बारिश और सामान्य यातायात के दबाव में ही सड़क टूटने लगी। लोगों का कहना है कि अगर निर्माण कार्य सही तरीके से किया गया होता तो सड़क की यह हालत इतने कम समय में नहीं होती।इस मामले में संबंधित विभाग के अधिकारियों की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। आरोप है कि निर्माण के दौरान मौके पर जाकर सही ढंग से निरीक्षण नहीं किया गया। कागजों में तो सड़क मानकों के अनुसार तैयार दिखाई गई, लेकिन हकीकत में गुणवत्ता की अनदेखी की गई। स्थानीय व्यापारियों और राहगीरों का कहना है कि कई बार शिकायत करने के बावजूद अधिकारियों ने इस पर गंभीरता नहीं दिखाई।

मीनाक्षी चौक शहर का एक प्रमुख चौराहा है, जहां से रोजाना हजारों वाहन और पैदल यात्री गुजरते हैं। सड़क टूटने से यातायात प्रभावित हो रहा है और दुर्घटना का खतरा भी बढ़ गया है। खासकर दोपहिया वाहन चालकों और पैदल चलने वालों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गड्ढों के कारण जाम की स्थिति भी बन रही है, जिससे आसपास के बाजारों पर भी असर पड़ रहा है।सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर बार-बार एक ही सड़क के निर्माण के लिए ठेकेदारों को भुगतान क्यों किया जाता है। हर बार मरम्मत और नए निर्माण के नाम पर सरकारी धन खर्च होता है, लेकिन समस्या जस की तस बनी रहती है।

लोगों का कहना है कि अगर ठेकेदारों और जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए, तो ऐसी घटनाओं पर रोक लग सकती है।स्थानीय नागरिकों ने मांग की है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए। निर्माण में इस्तेमाल की गई सामग्री की गुणवत्ता की जांच हो और दोषी ठेकेदारों के साथ-साथ लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए। साथ ही भविष्य में सड़क निर्माण कार्यों में पारदर्शिता और सख्त निगरानी व्यवस्था लागू की जाए, ताकि जनता के टैक्स के पैसे का सही इस्तेमाल हो सके।फिलहाल मीनाक्षी चौक पर टूटी सड़क प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रही है और आम लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिर उनकी परेशानी का जिम्मेदार कौन है।

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