दो साल से ज्यादा समय से बंद पड़े तेल निर्यात को फिर से शुरू करेगा। यह निर्यात उत्तरी कुर्दिश क्षेत्र से तुर्किए के जेहान बंदरगाह के जरिए किया जाएगा। शनिवार सुबह छह बजे से पंपिंग शुरू होगी।इस कदम को इराक की तेल आमदनी बढ़ाने और बगदाद व कुर्दिश प्रशासन के बीच रिश्तों को संतुलित करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
तेल निर्यात की शुरुआत 2023 की शुरुआत में रुकी थी, जब अंतरराष्ट्रीय वाणिज्य मंडल ने इराक के पक्ष में फैसला सुनाया था। यह मामला कुर्दिश प्रशासन के स्वतंत्र रूप से तेल बेचने से जुड़ा था। अब बहाली से इराक की आय में वृद्धि होगी और वैश्विक बाजार में आपूर्ति बढ़ेगी।
प्रतिदिन 2.4 लाख बैरल का लक्ष्य
इराक के स्टेट ऑयल मार्केटिंग ऑर्गनाइजेशन के प्रमुख अली नजर अल-शतारी ने कहा कि प्रतिदिन 2.4 लाख बैरल पंप करने का लक्ष्य है। इनमें से करीब 1.8 से 1.9 लाख बैरल निर्यात होंगे, जबकि 50 हजार बैरल कुर्द क्षेत्र में स्थानीय खपत के लिए रखे जाएंगे।त्रिपक्षीय समझौता और कंपनियों की हिस्सेदारी
यह समझौता इराकी तेल मंत्रालय, कुर्द क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय और अंतरराष्ट्रीय तेल कंपनियों के बीच हुआ है। कंपनियों को उत्पादन और परिवहन की लागत के लिए प्रति बैरल 16 डॉलर दिए जाएंगे। नॉर्वे की कंपनी डीएनओ ने भी निर्यात की तैयारी शुरू कर दी है।
अमेरिका की भूमिका और समर्थन
इराकी अधिकारियों ने बताया कि अमेरिका ने इस समझौते की निगरानी की और इसे समर्थन दिया। अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इसे दोनों देशों के लिए लाभकारी बताया। इराक और तुर्की के बीच मौजूदा निर्यात समझौता जुलाई 2026 तक मान्य है। इसके नवीनीकरण पर बातचीत आगे होगी।लंबे समय से जारी विवाद
इराक और कुर्दिश प्रशासन के बीच तेल राजस्व को लेकर लंबे समय से विवाद चला आ रहा है। 2014 में कुर्दिश क्षेत्र ने स्वतंत्र पाइपलाइन के जरिए जेहान बंदरगाह तक तेल पहुंचाना शुरू किया था। बगदाद ने इसे अवैध बताया, जबकि कुर्द अधिकारियों का कहना था कि बजट फंडिंग न मिलने की वजह से यह जरूरी कदम था।
तेल निर्यात बहाली से न केवल इराक की आर्थिक स्थिति सुधरेगी बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी स्थिरता आएगी। हालांकि राजस्व बंटवारे और प्रबंधन को लेकर विवाद पूरी तरह खत्म नहीं हुए हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह कदम दोनों पक्षों के बीच भरोसे की नींव मजबूत कर सकता है।

















