सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सैनिकों के साहस को किया सलाम, लोगों से फंड में दान की अपील

सशस्त्र सेना झंडा दिवस के अवसर पर रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की सुरक्षा में तैनात भारतीय सशस्त्र बलों के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट साझा कर जवानों और सैन्य अधिकारियों के साहस, अनुशासन, निष्ठा और त्याग को राष्ट्र की शक्ति का आधार बताया। प्रधानमंत्री ने लिखा कि देश की सीमा पर डटे बहादुर सैनिक अपनी जान की परवाह किए बिना मातृभूमि की रक्षा करते हैं। उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और अटूट संकल्प भारत को सुरक्षित और मजबूत बनाते हैं। उन्होंने नागरिकों से भी अपील की कि वे सशस्त्र सेना झंडा दिवस फंड में योगदान देकर सैनिकों और उनके परिवारों का मनोबल बढ़ाएं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह दिवस न केवल कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर है, बल्कि उन योद्धाओं को सम्मान देने का भी दिन है, जो देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने से कभी पीछे नहीं हटते। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जवानों की निस्वार्थ सेवा देशवासियों के लिए कर्तव्य और समर्पण की प्रेरणा है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे फंड में सहयोग कर उस जिम्मेदारी का हिस्सा बनें, जिसके जरिए शहीदों के परिजनों, घायल सैनिकों और पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए सहायता पहुंचाई जाती है।

इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के सैनिकों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने एक पोस्ट में लिखा कि भारतीय सशस्त्र बलों का पराक्रम राष्ट्र की सुरक्षा का कवच है और उनका बलिदान ऐसा ऋण है, जिसे कोई भी देशवासी कभी पूरी तरह नहीं चुका सकता। रक्षा मंत्री ने जवानों की वीरता को नमन करते हुए कहा कि उनकी कर्तव्यनिष्ठा और समर्पण देश के हर नागरिक के लिए गर्व की बात है। उन्होंने भी लोगों को फंड में दान कर इस राष्ट्रीय अभियान को मजबूत बनाने की अपील की।

सशस्त्र सेना झंडा दिवस हर वर्ष 7 दिसंबर को मनाया जाता है। इस दिन देशभर में सैनिकों के सम्मान में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। स्कूलों, सरकारी संस्थानों, सामाजिक संगठनों और विभिन्न समितियों के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं। इस अवसर पर जुटाई गई राशि का उपयोग पूर्व सैनिकों के कल्याण, उनके पुनर्वास, शहीदों के परिवारों की सहायता और विभिन्न सैन्य कल्याण योजनाओं में किया जाता है।

यह दिवस नागरिकों को यह याद दिलाता है कि सीमा पर तैनात जवान हमारे चैन, सुरक्षा और स्वतंत्रता के लिए कठिन परिस्थितियों में अपनी ड्यूटी निभाते हैं। चाहे मौसम कितना भी प्रतिकूल क्यों न हो या परिस्थितियाँ कितनी भी चुनौतीपूर्ण हों, सैनिकों का मनोबल और प्रतिबद्धता कभी कम नहीं होती। सशस्त्र सेना झंडा दिवस इसी त्याग की स्मृति और सम्मान का प्रतीक है।

प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के संदेशों ने इस बात को पुनः रेखांकित किया कि देश की सुरक्षा में लगे हर जवान का योगदान अमूल्य है और राष्ट्र हमेशा उनके साथ खड़ा रहेगा।

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