मुज़फ्फरनगर के रोहाना स्थित इंडियन पोटाश लिमिटेड की डिस्टलरी यूनिट में एथनोल से संभावित अग्नि दुर्घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण और त्वरित राहत व्यवस्था को परखने के उद्देश्य से “ऑन साइट इमरजेंसी प्लान की रिहर्सल (मॉक ड्रिल)” का आयोजन किया गया। इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य किसी भी आकस्मिक आग की स्थिति में जान-माल की हानि को न्यूनतम करना, कर्मचारियों को सतर्क करना तथा प्रशासनिक और अग्निशमन सहायता को तुरंत सक्रिय करने की प्रक्रिया को व्यवहारिक रूप से समझना रहा।
डिस्टलरी यूनिट में एथनोल जैसे ज्वलनशील पदार्थ के भंडारण और उपयोग को देखते हुए आग लगने की आशंका हमेशा बनी रहती है। इसी कारण फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा समय-समय पर ऐसी मॉक ड्रिल आयोजित की जाती हैं, जिससे आपात स्थिति में घबराहट के बजाय योजनाबद्ध तरीके से हालात पर काबू पाया जा सके। इस रिहर्सल के दौरान यह प्रदर्शित किया गया कि यदि प्लांट के किसी हिस्से में एथनोल से आग लगती है तो सबसे पहले कौन-से सुरक्षा उपाय अपनाने हैं, किस प्रकार से अलार्म सिस्टम सक्रिय किया जाएगा और किस क्रम में कर्मचारियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा।
मॉक ड्रिल का संचालन इकाई के वरिष्ठ अधिकारी (फायर एंड सेफ्टी) मोहित कुमार बालियान द्वारा किया गया। उनके साथ डिस्टलरी इकाई प्रमुख रमेश कुमार शर्मा और सहायक महाप्रबंधक (प्रोडक्शन) भारत सिंह भी मौजूद रहे। ड्रिल के दौरान कर्मचारियों को आग बुझाने वाले उपकरणों, फायर हाइड्रेंट सिस्टम, फोम मॉनिटर और आपात निकास मार्गों के प्रयोग की विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही यह भी बताया गया कि किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन और जिला अग्निशमन विभाग से किस प्रकार तुरंत संपर्क किया जाना चाहिए।
इस अभ्यास में प्रभारी जिला अग्निशमन अधिकारी अन्त राम सिंह अपनी टीम के साथ उपस्थित रहे। उन्होंने प्लांट में उपलब्ध अग्निशमन व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया और आवश्यक तकनीकी सुझाव भी दिए। अग्निशमन विभाग की टीम ने यह दिखाया कि वास्तविक आग की स्थिति में किस प्रकार से फायर टेंडर, होज पाइप और अन्य संसाधनों का प्रयोग कर आग पर शीघ्र नियंत्रण पाया जा सकता है। उन्होंने कर्मचारियों को यह भी समझाया कि प्रारंभिक कुछ मिनट सबसे महत्वपूर्ण होते हैं और सही निर्णय से बड़ी दुर्घटना को रोका जा सकता है।
मॉक ड्रिल के दौरान प्लांट के सभी विभागों के कर्मचारियों की सक्रिय भागीदारी देखने को मिली। स्टोर इंचार्ज विश्वजीत त्यागी, मनोज मालिक, हरमिंदर सिंह, प्रदीप कुमार शर्मा, मुख्य सुरक्षा अधिकारी सहित अन्य कर्मचारी भी इस अभ्यास में शामिल रहे। सभी ने आपातकालीन प्रक्रियाओं का पालन करते हुए निर्धारित समय में अपनी जिम्मेदारियां निभाईं।
कार्यक्रम के अंत में अधिकारियों द्वारा मॉक ड्रिल का मूल्यांकन किया गया और भविष्य में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए आवश्यक सुधारों पर चर्चा की गई। प्रबंधन ने कर्मचारियों से अपील की कि वे सुरक्षा नियमों का सख्ती से पालन करें और किसी भी संभावित खतरे की सूचना तुरंत संबंधित अधिकारियों को दें, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से पहले ही उसे टाला जा सके।

















