महाराष्ट्र में विपक्षी दल कांग्रेस और शिवसेना यूबीटी ने रविवार (21 दिसंबर) को नगर परिषदों और नगर पंचायतों के चुनावों में अपनी हार एक तरह से स्वीकार कर ली और निर्वाचन आयोग पर सत्तारूढ़ महायुति की जीत में मदद करने का आरोप लगाया.दो चरणों में आयोजित 288 नगर परिषदों और नगर पंचायतों में अध्यक्ष और सदस्यों के पदों के चुनावों के लिए मतों की गिनती सुबह शुरू हुई. पूरे महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना की जीत के बाद कांग्रेस ने राज्य निर्वाचन आयोग पर निशाना साधा.
कांग्रेस ने कसा तंज
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने नगर पालिका अध्यक्ष और पार्षद पदों पर जीत हासिल करने वाले पार्टी उम्मीदवारों को बधाई दी. उन्होंने चुनाव में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन की मदद करने के लिए राज्य निर्वाचन निकाय को बधाई दी.
उद्धव गुट ने धनबल को दिया जीत का श्रेय
शिवसेना यूबीटी के नेता अंबदास दानवे ने महायुति की जीत का श्रेय धनबल और बाहुबल को दिया. छत्रपति संभाजीनगर में दानवे ने कहा कि महा विकास आघाडी के घटक दलों की तुलना में महायुति ने अधिक सीट हासिल की हैं, जिसका श्रेय सत्ताधारी दलों द्वारा इस्तेमाल किए गए बाहुबल और धनबल को जाता है.
‘आगे के चुनाव नहीं होंगे प्रभावित’
दानवे ने इस बात पर जोर दिया कि चुनाव परिणाम अगले महीने होने वाले 29 नगर निगमों के आगामी चुनावों को प्रभावित नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि नगर निकायों के लिए मतदाताओं का आधार विशाल है और मुद्दे भी अलग-अलग हैं. शहरी मतदाता अलग तरह से सोचते हैं. दानवे ने कहा कि आगामी चुनावों के लिए गठबंधन की संभावना स्थानीय नेतृत्व पर निर्भर करेगी.
इस बीच, नागपुर जिले के कामठी नगर परिषद चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार अजय अग्रवाल की 116 मतों से जीत पर कांग्रेस द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद रविवार को मतों की दोबारा गिनती कराए जाने का आदेश देना पड़ा. उन्होंने बताया कि अग्रवाल को परिषद का अध्यक्ष घोषित किए जाने के बाद कांग्रेस के उनके प्रतिद्वंद्वी शकूर नागानी ने आपत्ति जताई.

















