बुढ़ाना नगर पंचायत के सभागार में जनपद मुजफ्फरनगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाक्टर सुनील तेवतिया द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुपालन में डायरिया नियंत्रण अभियान को लेकर एक महत्वपूर्ण अभिमुखीकरण बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता बुढ़ाना नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी आलोक रंजन यादव ने की, जबकि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बुढ़ाना के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डाक्टर सोनू कश्यप ने बैठक का नेतृत्व किया। इस बैठक का उद्देश्य डायरिया नियंत्रण अभियान को प्रभावी ढंग से लागू करने, स्वास्थ्यकर्मियों की भूमिका को स्पष्ट करने और आपसी समन्वय को मजबूत करना रहा।
बैठक में पीएसआई इंडिया से भारती और शोभित ने संयुक्त रूप से उपस्थित सभी आशा कार्यकत्रियों, एएनएम तथा महिला आरोग्य समिति की अध्यक्षाओं को डायरिया नियंत्रण अभियान के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि डायरिया जैसी बीमारी से बच्चों और कमजोर वर्ग को सबसे अधिक खतरा होता है, इसलिए समय पर पहचान, ओआरएस और जिंक की उपलब्धता, स्वच्छ पेयजल, साफ-सफाई और जागरूकता इस अभियान की सबसे अहम कड़ियां हैं। उन्होंने आशा कार्यकत्रियों से कहा कि वे घर-घर जाकर लोगों को डायरिया के लक्षण, बचाव और उपचार के बारे में जानकारी दें, ताकि बीमारी को शुरुआती स्तर पर ही रोका जा सके।
अधिशासी अधिकारी आलोक रंजन यादव ने अपने संबोधन में कहा कि नगर पंचायत बुढ़ाना इस अभियान को सफल बनाने के लिए हर संभव सहयोग देने को तैयार है। उन्होंने कहा कि सफाई व्यवस्था, जल आपूर्ति और जनजागरूकता के स्तर पर नगर पंचायत की ओर से स्वास्थ्य विभाग और आशा कार्यकत्रियों को पूरा समर्थन दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि यदि सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ काम करें तो डायरिया जैसी बीमारियों पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकता है।
प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डाक्टर सोनू कश्यप ने अपने संबोधन में कहा कि जिस प्रकार नगर पंचायत में सफाई मित्रों को व्यवस्था की रीढ़ माना जाता है, उसी प्रकार स्वास्थ्य विभाग में आशा कार्यकत्रियां रीढ़ का कार्य करती हैं। उन्होंने कहा कि जब सफाई मित्र और आशा कार्यकत्रियां मिलकर काम करती हैं, तभी क्षेत्र को स्वस्थ बनाए रखने का लक्ष्य पूरा किया जा सकता है। उन्होंने आशा और एएनएम से अपील की कि वे पूरी निष्ठा और जिम्मेदारी के साथ अभियान में भाग लें और जरूरतमंद परिवारों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाएं।
बैठक के दौरान डायरिया नियंत्रण से जुड़ी व्यावहारिक समस्याओं, फील्ड स्तर पर आने वाली चुनौतियों और उनके समाधान पर भी चर्चा की गई। उपस्थित स्वास्थ्यकर्मियों ने अपने अनुभव साझा किए और अभियान को और अधिक प्रभावी बनाने के सुझाव दिए। बैठक में जीशान, सोनम, रुकैय्या, कविता, ज्योति, बिट्टू, संजू, सविता, अलका, पूजा और रूपन सहित कई स्वास्थ्यकर्मियों की उपस्थिति रही। अंत में सभी ने संकल्प लिया कि डायरिया नियंत्रण अभियान को जन-जन तक पहुंचाकर क्षेत्र को स्वस्थ और सुरक्षित बनाने में सक्रिय भूमिका निभाई जाएगी।

















