उत्तर प्रदेश की जनता इस समय भीषण गर्मी और बिजली की अनिश्चितता से जूझ रही है। लोग पसीना पोछते और हाथ वाले पंखे चलाते-चलाते परेशान हो चुके हैं। बिजली की कटौती का हाल यह है कि लोगों को पता ही नहीं चलता कि कब बिजली आएगी और कब चली जाएगी। कई घंटों की बिजली कटौती से हर क्षेत्र प्रभावित है, चाहे वह गोरखपुर हो या गाजियाबाद।
सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों ही इस समस्या से परेशान हैं। मामला विधानसभा में भी उठाया गया है। सपा विधायक ओम प्रकाश सिंह ने विधानसभा में बिजली कटौती का मुद्दा उठाते हुए कहा कि बिजली देवी हो गई हैं, जिनके आने और जाने का कोई निश्चित समय नहीं है। सपा विधायक और नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे ने यह भी कहा कि जर्जर तारों को बदलने के लिए अलग-अलग जिलों में कंपनियों को अच्छी-खासी धनराशि दी गई है, लेकिन कंपनियां घटिया तारों का इस्तेमाल कर रही हैं, जो जल्द ही जलकर गिर जाते हैं।इस स्थिति में जनता के लिए राहत के उपाय किए जाने की आवश्यकता है ताकि वे इस भीषण गर्मी और बिजली की अनिश्चितता से कुछ राहत पा सकें।
‘जांच कराई जाए’
माता प्रसाद पांडे ने आगे कहा कि मेरे इलाके में ही कंपनी को 1 अरब 76 करोड़ रुपये मिला है. ये पैसा तार बदलने और नए खंभे लगाने के लिए मिला है. हमें आज तक नहीं मालूम चला कि वे कहां काम कर रहे हैं. सीएम से मेरी मांग है कि इसकी जांच कराई जाए.
सत्ता पक्ष के नेता भी परेशान
ऐसा नहीं है कि विपक्ष के नेता ही बिजली कटौती से परेशान हैं, सत्ता पक्ष के नेता भी त्रस्त हैं. सु्ल्तानपुर के विधायक विनोद सिंह ने बिजली कटौती को लेकर उर्जा मंत्री को पत्र लिखा था. उन्होंने डीएम के साथ मीटिंग की थी और बिजली कटौती का मुद्दा उठाया था. हमीरपुर से बीजेपी विधायक मनीषा अनुरागी का एक वीडियो हाल में सामने आया था, जिसमें वह कार्यकर्ताओं के साथ बिजली घर पहुंची थीं. विधायक ने अघोषित बिजली कटौती पर बिजली विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाई थी.