UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) से भुगतान करने वाले करोड़ों यूजर्स के लिए आज से बड़ा बदलाव लागू हो गया है। यह बदलाव खासकर उन लोगों को प्रभावित करेगा जो फोनपे, गूगल पे और पेटीएम जैसे थर्ड पार्टी ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं।
नई व्यवस्था के तहत अब थर्ड पार्टी ऐप्स (TPAPs) पर लेन-देन की सीमा तय कर दी गई है। NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) के नए नियमों के अनुसार, किसी भी थर्ड पार्टी ऐप के जरिए कुल UPI ट्रांजैक्शन्स का 30% से ज्यादा हिस्सा नहीं होना चाहिए। यह नियम खास तौर पर इस वजह से लाया गया है ताकि UPI नेटवर्क पर एक ही कंपनी का वर्चस्व न हो और प्रतियोगिता बनी रहे।
इसका असर आम यूजर्स पर यह हो सकता है कि अगर कोई ऐप पहले से ही तय सीमा पर पहुंच चुका है, तो उस ऐप के जरिए नए यूजर्स UPI रजिस्ट्रेशन नहीं कर पाएंगे या लेन-देन में असुविधा हो सकती है। हालांकि पुराने यूजर्स को तुरंत कोई परेशानी नहीं होगी, लेकिन लंबी अवधि में ट्रांजैक्शन फेल या रद्द हो सकते हैं।
NPCI ने यह कदम UPI इकोसिस्टम को सुरक्षित, संतुलित और प्रतिस्पर्धी बनाए रखने के लिए उठाया है। सभी बैंक और पेमेंट कंपनियों को इस दिशा में जरूरी बदलाव लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।
इसलिए अगर आप फोनपे, गूगल पे या पेटीएम जैसे ऐप्स का उपयोग करते हैं, तो ऐप्स की नोटिफिकेशन और अपडेट्स पर नज़र रखें और जरूरत पड़ने पर वैकल्पिक UPI ऐप भी तैयार रखें।

















