प्रयागराज। महाकुंभ-2025 में तीर्थ यात्रियों को जलमार्ग से यात्रा का एक नया अनुभव मिलेगा। प्रयागराज मेला प्राधिकरण हाइड्रोजन चालित मिनी क्रूज को प्रयागराज से काशी के बीच चलाने की योजना बना रहा है।विभिन्न हाईटेक सुविधाओं से सुसज्जित इस मिनी क्रूज का सफर यादगार रहेगा।
तीर्थ यात्रियों को पहली बार इसका विशेष अनुभव होगा। दरअसल, इससे चुनार का किला, मीरजापुर और विंध्याचल के दर्शन भी हो सकेंगे। कछुआ सैंक्चुअरी को भी निहारा जा सकेगा।देश का पहला अत्याधुनिक हाइड्रोजन मिनी क्रूज कोच्चि में बनकर तैयार हुआ है। यह जलयान कोलकाता से होते हुए गाजीपुर के रास्ते वाराणसी लाया गया है। ठीक 28 मीटर लंबा और 5.8 मीटर चौड़े जलयान पर एक बार में 50-55 लोग यात्रा कर सकेंगे।
करीब 20 टन भार क्षमता का यह छोटा जलयान पूरी तरह से हाइड्रोजन से चलेगा। यह 20 से 25 किमी प्रति घंटे की गति से चलेगा। माना जा रहा है इससे जल पर्यटन को नई दिशा मिलेगा। हाइड्रोजन से चलने के कारण जलयान प्रदूषण से मुक्त यात्रा का आनंद देगा।महाकुंभ मेला अधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि यह जलयान काशी और प्रयागराज जैसे पर्यटन क्षेत्रों में लोगों को आकर्षित करेगा। महाकुंभ में इसको प्रयागराज से काशी के बीच चलाने की योजना है। जलयान के अंदर सजावट, रंग-रोगन का काम शुरू हो गया है। हाइड्रोजन जलयान का संचालन पर्यटन विभाग के जिम्मे होगा।
इसे काशी से चुनार होते हुए प्रयागराज तक संचालन किए जाने की तैयारी है। माना जा रहा है कि यह जलयान पर्यटकों को काफी लुभाएगा। यह काशी और प्रयागराज जैसे पर्यटन क्षेत्र के लोगों को काफी आकर्षित करेगा। इसके लिए गंगा नदी के चैनेलाइजेशन (तटीयकरण) का काम शुरू होने वाला है।इसके तहत गेज और ड्रेजिंग का काम होगा। वाराणसी-प्रयागराज जलमार्ग को दुरुस्त कराने के बाद क्रूज और मोटर बोट का ट्रायल रन कराया जाएगा। इस संबंध में प्रयागराज के मेला अधिकारियों, पर्यटन संग भारतीय राष्ट्रीय जलमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों संग वार्ता हो चुकी है।
नई ई-बसों में सफर करेंगे श्रद्धालु
वाराणसी-प्रयागराज के बीच चमचमाती नई ई-बसें चलाई जाएंगी। वातानुकूलित, आरामदायक सीट और वाजिब किराया होगा। पहली बार होगा कि महाकुंभ यूपीएसआरटीसी की ओर से ई-बसें चलेंगी। अब तक डीजल बसें ही संचालित होती रही हैं। कुंभ मेलाधिकारी ने बताया कि इसकी तैयारियां चल रही हैं।