गाजा में लंबे समय से जारी संघर्ष के बीच आखिरकार शांति की उम्मीद की किरण दिखाई दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता में इजरायल और हमास के बीच एक ऐतिहासिक शांति समझौते पर सहमति बनी है। इस समझौते के तहत दोनों पक्षों ने युद्धविराम, बंधकों की रिहाई और गाजा में मानवीय सहायता बढ़ाने पर सहमति जताई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पहल का स्वागत करते हुए इसे मध्य पूर्व में स्थायी शांति स्थापित करने की दिशा में बड़ा कदम बताया।
मोदी ने अपने संदेश में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सराहना की और कहा कि यह समझौता न केवल बंधकों की सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित करेगा, बल्कि गाजा के नागरिकों को राहत सामग्री, दवाइयों और अन्य आवश्यक संसाधनों की आपूर्ति में भी मददगार साबित होगा। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा से आतंकवाद और हिंसा के खिलाफ खड़ा रहा है और शांति, स्थिरता और संवाद के मार्ग में विश्वास रखता है। मोदी ने उम्मीद जताई कि यह समझौता क्षेत्र में स्थायी शांति और आपसी विश्वास की नींव रखेगा।
जानकारी के अनुसार, इस समझौते के तहत हमास द्वारा पकड़े गए कई बंधकों को चरणबद्ध तरीके से रिहा किया जाएगा और इजरायल गाजा में मानवीय सहायता के लिए नए गलियारे खोलेगा। अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र इस समझौते की निगरानी करेंगे ताकि दोनों पक्ष शर्तों का पालन करें। ट्रंप प्रशासन ने इसे “ऐतिहासिक उपलब्धि” बताया है, जबकि नेतन्याहू ने कहा कि यह इजरायल और गाजा दोनों के लिए नए भविष्य की शुरुआत हो सकती है।
भारत की ओर से प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान अंतरराष्ट्रीय समुदाय में व्यापक रूप से सराहा जा रहा है। विदेश मंत्रालय ने भी स्पष्ट किया कि भारत हर उस पहल का समर्थन करता है जो मानवीय मूल्यों, शांति और स्थिरता को बढ़ावा देती है। मोदी सरकार ने पहले भी गाजा में मानवीय सहायता भेजी थी और क्षेत्र में शांति प्रयासों का निरंतर समर्थन किया है। विश्लेषकों का मानना है कि इस समझौते से मध्य पूर्व में दशकों से चले आ रहे तनाव को कम करने में मदद मिलेगी और यदि सभी पक्ष ईमानदारी से इसका पालन करें तो यह वैश्विक शांति के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।

















