संभल में सियासी संग्राम बढ़ता जा रहा है, जहां राहुल गांधी की यात्रा के दौरान गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस ने उनका काफिला रोक दिया। यह घटनाक्रम उस समय हुआ जब राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी की “भारत जोड़ो यात्रा” के तहत उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में यात्रा पर थे। गाजीपुर बॉर्डर पर राहुल गांधी और उनके काफिले को रोकने पर पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच तीखी झड़प हो गई, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया।
कांग्रेस पार्टी ने इसे राजनीति से प्रेरित कदम बताया है, और आरोप लगाया कि पुलिस ने जानबूझकर राहुल गांधी की यात्रा को बाधित किया। कांग्रेस के अनुसार, यह कदम लोकतांत्रिक तरीके से जनसंपर्क करने के अधिकार का उल्लंघन है, और इसे राजनीतिक प्रतिशोध के रूप में देखा जा रहा है। वहीं, पुलिस का कहना है कि उन्होंने यह कदम कानून-व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया था, क्योंकि किसी प्रकार की अशांति या सार्वजनिक सुरक्षा का खतरा पैदा होने का अंदेशा था।
झड़प के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की और कुछ समय तक प्रदर्शन भी किया। राहुल गांधी ने भी पुलिस की इस कार्रवाई को गलत बताया और इसके खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार कांग्रेस पार्टी की आवाज को दबाने के लिए इस तरह की कार्रवाई कर रही है। इसके अलावा, कांग्रेस नेताओं ने इस घटनाक्रम को लोकतंत्र पर हमला बताया और इसे उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किया गया सत्ता का दुरुपयोग करार दिया।
साथ ही, कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना था कि उनकी पार्टी हमेशा जनता के मुद्दों को उठाने के लिए सड़क पर होती है, और इस प्रकार की रोक-टोक से वे डरने वाले नहीं हैं। कांग्रेस का नेतृत्व इस कार्रवाई के बाद और भी अधिक आक्रामक हो गया, और उन्होंने इसे राजनीतिक प्रतिशोध की संज्ञा दी।
यह घटना उस समय हुई जब कांग्रेस पार्टी चुनावी तैयारी में जुटी हुई है, और राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी ने जनसंपर्क को अहम मुद्दा बनाया है। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का मजबूत जनाधार स्थापित करने के उद्देश्य से राहुल गांधी इस यात्रा को लेकर कई स्थानों पर जा रहे थे।