महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों “असली बनाम नकली” का संग्राम चल रहा है। शिवसेना और एनसीपी जैसे प्रमुख दलों के बीच भीतरी दरारें सामने आई हैं। शिवसेना में उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे की गुटबाजी ने पार्टी को विभाजित कर दिया है। एक ओर उद्धव ठाकरे अपनी पारंपरिक शिवसेना को असली कहकर दावा करते हैं, वहीं दूसरी ओर शिंदे ने भाजपा के साथ मिलकर एक नए गठबंधन के जरिए राज्य में सरकार बनाई है। चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह भी सौंपा, जिससे राजनीतिक समीकरण और जटिल हो गए हैं।एनसीपी में भी शरद पवार और उनके भतीजे अजीत पवार के बीच सत्ता संघर्ष उभर कर आया है। अजीत पवार ने भाजपा के साथ मिलकर एक अलग राह अपनाई, जिससे पवार परिवार और पार्टी में तनाव बढ़ गया है। इस राजनीतिक लड़ाई ने महाराष्ट्र के सत्ता समीकरणों में अनिश्चितता का माहौल पैदा कर दिया है।