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मुज़फ्फरनगर। बिना अनुभवी आशा ने पैसो के लालच में आकर एक गर्भवती महिला की प्रसव कराने के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग होने की वजह से,ओर महिला की ज्यादा गंभीर हालत को देखते हुए, आशा ने अपने आप को बदनाम होने से बचाने के लिए, महिला को किया रेफर,रास्ते मे ही महिला ने तोड़ा दम,नवजात शिशु बचा।
पूरा मामला मुज़फ्फरनगर के थाना नई मंडी क्षेत्र के अंतर्गत सुभाषनगर से है। सुभाषनगर के रहने वाले सरफराज ने अपनी बेटी का विवाह करीब 4 साल पहले पड़ोस के ही रहने वाले रिहान के साथ लॉकडाउन में किया था। गरीब मजदूर होने के कारण और लॉकडाउन के चलते सरफराज अपनी बेटी की शादी बड़े धूमधाम के साथ नहीं कर पाया था। सरफराज ने बाद में मोटरसाइकिल देने का वादा भी किया था,शादी के बाद महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया। महिला के दूसरी डिलीवरी के दौरान लेबर पेन होने लगा, जिससे महिला को शहर के एक लेडी डॉक्टर को दिखाया गया जहां पर डॉक्टर ने महिला और उसके ससुराल वालों को कम बल्ड होने की जानकारी दी, और नॉर्मल डिलीवरी न होने की बात भी बताई, डॉक्टर ने बताया कि उनकी सिर्फ सिजेरियन से ही डिलीवरी हो सकती है। मृतका के परिजनों ने बताया कि महिला के ससुराल वालों ने नजदीक के ही एक बिना अनुभवी आशा के यहां नॉरमल प्रसव कराने के लिए ले गए, और आशा ने चंद पैसों की खातिर महिला की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया। महिला की नॉर्मल डिलीवरी तो हो गई, मगर महिला को ज्यादा ब्लीडिंग होने के कारण, आशा के हाथ पैर फूल गए, और उसने गंभीर हालत देखते हुए महिला को वहां से रेफर कर दिया, महिला को अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही महिला ने दम तोड़ दिया। जब इस बात की खबर मृतका महिला के परिवार वालों को मिली तो परिवार वाले महिला की डेड बॉडी लेने के लिए पड़ोस में ही महिला के ससुराल पहुंचे। मृतका महिला के पिता सरफराज ने बताया कि जैसे ही वे लोग महिला के ससुराल पहुंचे, और अपनी लड़की की डेड बॉडी लेने के लिए बात करने लगे, तभी लड़की के ससुर और उनके तीन लड़कों ने उनके ऊपर हमला कर दिया, जिससे उनको गंभीर चोटें आई।
बाद में इस पूरी घटना की जानकारी उन्होंने अपने संबंधित पुलिस स्टेशन में दी, जिसके बाद मौके पर पुलिस ने पहुंचकर मामला शांत कराया, और जांच पड़ताल में जुट गई। महिला के पिता का कहना है कि, वे इंसाफ चाहते हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई चाहते हैं।