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मुजफ्फरनगर में जमीयत उलमा-ए-हिंद की बैठक का आयोजन एक महत्वपूर्ण अवसर था, जिसमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। बैठक में मौलाना मुकर्रम अली क़ासमी की अध्यक्षता में देश में बढ़ती सांप्रदायिकता पर चिंता जताई गई और संविधान की रक्षा के लिए आगामी महासम्मेलन की तैयारियों की रूपरेखा तैयार की गई।बैठक में वक्ताओं ने सरकार से अपील की कि सांप्रदायिक माहौल को बिगाड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। वक्फ संपत्तियों के संदर्भ में भी सरकार के प्रस्तावित बिल पर चिंता व्यक्त की गई, जिसे वक्ताओं ने नकारात्मक बताया।दिल्ली के इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम में होने वाले महासम्मेलन के लिए सभी पदाधिकारियों ने व्यापक योजना बनाई, जिसमें हजारों की संख्या में लोगों के शामिल होने की उम्मीद है।इस बैठक ने स्पष्ट किया कि जमीयत उलमा-ए-हिंद न केवल सांप्रदायिकता का विरोध करती है, बल्कि समाज सुधार और भाईचारे के लिए भी कार्यरत है। ऐसे आयोजनों से यह संदेश जाता है कि समाज में एकता और सामंजस्य की आवश्यकता है।