राजस्थान सरकार ने आगामी मानसून सत्र को देखते हुए बाढ़ और जलभराव जैसी आपदाओं से निपटने की तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। राज्य आपदा प्रतिसाद बल (SDRF) ने 57 विशेष रूप से प्रशिक्षित रेस्क्यू टीमों को अत्याधुनिक राहत उपकरणों से लैस कर राज्य के 32 संभावित बाढ़ प्रभावित जिलों में रवाना किया है। यह कदम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और आपातकालीन स्थितियों में तुरंत सहायता पहुंचाने के उद्देश्य से उठाया गया है।SDRF के कमांडेंट राजेन्द्र सिंह सिसोदिया ने बताया कि भारी वर्षा के चलते नदियों और जलाशयों में जलस्तर बढ़ने से बाढ़ की आशंका बनी रहती है। ऐसे में SDRF की टीमें राहत और बचाव कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
उन्होंने बताया कि SDRF का आदर्श वाक्य “आपदा सेवार्थ कटिबद्धता” है, जिसे पूरी प्रतिबद्धता से निभाया जा रहा है।वर्ष 2018 से 2024 के बीच SDRF ने 424 सफल रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर 12,995 लोगों की जान बचाई है। जयपुर स्थित A कंपनी ने 22 ऑपरेशन में 754, कोटा की B कंपनी ने 146 ऑपरेशन में 6,218, भरतपुर की C कंपनी ने 55 ऑपरेशन में 2,646, और जोधपुर की F कंपनी ने 65 ऑपरेशन में 643 लोगों को बचाया।18 जून से मानसून के सक्रिय होने की संभावना को ध्यान में रखते हुए सभी टीमें तैनात कर दी गई हैं। इन्हें SOP के तहत कार्य करने और नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए हैं। यह तैयारी राज्य की आपदा प्रबंधन क्षमता को दर्शाती है और मानसून से पहले सतर्कता का प्रमाण है।