रक्षाबंधन पर्व पर औरैया जिले में भाई-बहन के पवित्र रिश्ते की चमक हर ओर बिखरी नजर आई। सुबह से ही शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में त्यौहार की चहल-पहल देखते ही बन रही थी। प्रमुख बाजारों में राखी और मिठाई की दुकानों पर खरीदारों की भीड़ उमड़ पड़ी। रंग-बिरंगी राखियों, आकर्षक गिफ्ट पैक और ताजे मिष्ठानों से सजी दुकानों पर लोगों की लंबी कतारें दिनभर लगी रहीं। हर कोई अपनी बहन या भाई के लिए सबसे खास तोहफा चुनने में व्यस्त दिखा।
घरों में भी सुबह से ही तैयारियों का दौर शुरू हो गया था। बहनों ने नए परिधानों में सजे-धजे अपने भाइयों को तिलक लगाकर, आरती उतारकर और राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना की। बदले में भाइयों ने भी बहनों को उपहार देकर, प्रेम और जीवनभर सुरक्षा का वचन दोहराया। इस पारंपरिक रस्म के साथ हर घर में खुशियों और अपनापन का माहौल छा गया।
त्योहार का सबसे भावुक और मनमोहक दृश्य तब देखने को मिला जब एक नन्हीं बच्ची ने अपने छोटे भाई की कलाई पर सावधानी से राखी बांधी और मुस्कुराते हुए उसे गले लगा लिया। इस मासूम पल ने वहां मौजूद सभी लोगों के चेहरे पर मुस्कान ला दी और उनके दिलों में भाईचारे की मिठास घोल दी।
नगर में कई सामाजिक संगठनों और मोहल्लों में भी सामूहिक रक्षाबंधन कार्यक्रम आयोजित किए गए। इन आयोजनों में बहनों ने न केवल अपने रिश्तेदारों, बल्कि पुलिस कर्मियों, सुरक्षाबलों और वृद्धाश्रमों के बुजुर्गों को भी राखी बांधी। इस पहल के जरिए समाज में प्रेम, सम्मान और सुरक्षा का संदेश दिया गया।
गांव-गांव में भी परंपरा और आधुनिकता का सुंदर संगम देखने को मिला। बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी इस पर्व की खुशियों में शामिल हुए। ढोल-नगाड़ों की थाप, पकवानों की खुशबू और पारंपरिक गीतों की मधुर धुन ने पूरे माहौल को उत्सवमय बना दिया।रक्षाबंधन के अवसर पर औरैया ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि चाहे समय कितना भी बदल जाए, रिश्तों की गर्माहट और परंपराओं की मिठास हमेशा समाज को जोड़ने का काम करती रहेगी।