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रामपुरः दस साल तक होती रही सेंधमारी, सोता रहा सिस्टम

रामपुर। कलक्ट्रेट के रिकार्ड रूम में सेंध लगाकर करोड़ों रुपये की छह जमीनों की खतौनियों को गायब करने और उसमें हेराफेरी करने का खेल कोई नया नहीं है। पिछले दस साल से यह खेल चल रहा था।

शिकायत के बाद जब जांच हुई तो अफसर भी हैरत में आ गए फिर सोया हुआ सिस्टम जाग उठा और मुकदमा दर्ज कराया गया है। यहां पर रिकार्ड की जांच कराई जाए तो कई और कर्मियों की गर्दन फंस सकती है।

कलक्ट्रेट का रिकार्ड रूम काफी महत्वपूर्ण व संवेदनशील माना जाता है। यहां पर जमीनों का पूरा रिकार्ड रहता है। कौन सी जमीन सरकारी है और कौन से निजी। जमीनों में हेराफेरी करने वालों की नजर लगातार रिकार्ड रूम पर लगी रहती है। यहां पर फिलहाल सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं साथ ही आम व्यक्ति की इंट्री भी नहीं होती है। इसके बाद भी यहां पर सेंधमारी हो गई है। जमीनों के रिकार्ड में हेराफेरी करने का खेल अब से नहीं बल्कि दस साल से भी ज्यादा समय से हो रहा है। पहाड़ी गेट के पास स्थित जमीनों की खतौनियों से छेड़छाड़ व उनको गायब कर देने के मामले की शिकायत हुई तब इस खेल का खुलासा हुआ। रिकार्ड रूम में कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए जमीनों की खतौनियों को गायब कर दिया गया है। शहर के व्यवसायी मुकुल अग्रवाल ने कुछ समय पहले डीएम से शिकायत की थी कि पहाड़ी गेट पर छह गाटाओं की खतौनियां रिकार्ड रूम से गायब हैं। यह नान जेड-ए जमीन थी। इन जमीनों की खतौनियों को कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए गायब करने का आरोप लगाया। उनकी शिकायत के बाद डीएम ने इस प्रकरण की जांच के लिए एडीएम वित्त एवं राजस्व की अध्यक्षता में कमेटी गठित की,जिसके बाद जांच में इस बात की पुष्टि हुई कि वर्ष 2013 से लेकर 2023 तक रिकार्ड रूम में से छह जमीनों की खतौनियां गायब हैं। जांच कमेटी ने इस मामले में तत्कालीन एआरके भगवंत सिंह और मोहम्मद फरीद को दोषी मानते हुए कार्रवाई की संस्तुति की थी। जांच रिपोर्ट आने के बाद अब इस मामले में मौजूदा आरआरके (अभिलेखपाल) लता लखेड़ा ने सिविल लाइंस थाने में तत्कालीन एआरके पटवारी फंड भगवंत सिंह, मोहम्मद फरीद के साथ ही पहाड़ी गेट स्थित मसजिद झब्बू खां निवासी आमिर खां की पत्नी बेबी, बेटे उमर खां, सुबहान खां व सलमान खां के खिलाफ धोखाधड़ी व अमानत में खयानत का मामला दर्ज कराया है। एरआके भगवंत सिंह रिटायर्ड हो चुके है,जबकि मोहम्मद फरीद अभी सेवारत हैं।

तत्कालीन एआरके भगवंत सिंह भले ही रिटायर्ड हो चुके हैं,लेकिन उनके कार्यकाल के दौरान भी अभिलेखागार में सेंध लग चुकी है। अफसरों द्वारा जो जांच रिपोर्ट पेश की गई है कि उसमें यह भी कहा गया है कि भगवंत सिंह के खिलाफ पहले भी दो दफा मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा चुकी है। अब यह तीसरा मौका है जब भगवंत सिंह इस तरह के केस में फंसे हैं।

इस मामले में जांच रिपोर्ट में दोषी माने गए एआरके मोहम्मद फरीद के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है। अफसरों का कहना है कि जल्द ही इस मामले में आरोपी कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी

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