मालाखेड़ा। विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर मालाखेड़ा उपखंड क्षेत्र के गांव नेथला कोठी बास में एक भव्य पद दंगल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर समाज के प्रबुद्धजन, स्थानीय प्रतिनिधि एवं क्षेत्रवासियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। कार्यक्रम में वक्ताओं ने अपने-अपने विचार व्यक्त करते हुए आदिवासी समाज के वीर योद्धा एवं स्वतंत्रता संग्राम के अमर सपूत बिरसा मुंडा के संघर्ष और योगदान को याद किया।
वक्ताओं ने बताया कि बिरसा मुंडा ने मात्र 25 वर्ष की उम्र में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ आवाज बुलंद की और जल, जंगल तथा जमीन के अधिकारों की रक्षा के लिए जन आंदोलन खड़ा किया। उन्होंने आदिवासी समाज एवं आमजन को एकजुट कर स्वतंत्रता की अलख जगाई। उनका संघर्ष केवल अपने समुदाय के लिए नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र के लिए था, और उन्होंने अपने छोटे से जीवनकाल में ही स्वतंत्रता संग्राम में अमिट छाप छोड़ी।
कार्यक्रम में बाबूलाल मीणा ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी विश्व आदिवासी दिवस पर यह आयोजन किया गया, जिसमें पद दंगल का विशेष आकर्षण रहा। उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा का राष्ट्र को आज़ाद करने में विशेष योगदान रहा, जिसे आज भी सर्व समाज आदर और श्रद्धा के साथ याद करता है। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि हम सभी को उनके विचारों और आदर्शों से प्रेरणा लेकर समाज और देश के विकास में योगदान देना चाहिए।
इस मौके पर मंच संचालन बाबूलाल मीना (खैडली) द्वारा किया गया। कार्यक्रम में सैयद, अर्जुन मेहर, संजय हिगवा, जयपुर के भरत मीना (अगावली), ओमी मीना (भुगोर) और चेतन मीना (पूर्व अध्यक्ष) सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे। क्षेत्र के कई गांवों से आए प्रतिभागियों ने पद दंगल में हिस्सा लिया, जिससे कार्यक्रम में उत्साह और भी बढ़ गया।
कार्यक्रम का समापन बिरसा मुंडा के योगदान को नमन करते हुए और समाज की एकता एवं संस्कृति को बनाए रखने के संकल्प के साथ किया गया। आयोजकों ने इसे आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बताते हुए हर वर्ष ऐसे आयोजनों को निरंतर जारी रखने का संकल्प लिया।

















